हमारे हौसले तब परास्त नहीं होते जब हम औरों की चुनौतियों से ह
हमारे हौसले तब परास्त नहीं होते जब हम औरों की चुनौतियों से हार मान लेते हैं, बल्कि तब होते हैं, जब खुद से हार मान लेते हैं। और खुद की हार से बड़ा कोई प्रहार ही नहीं होता यारो।
सुनील माहेश्वरी