हमारे राम आये है
पतित पावन अभिनंदन सकल गुण धाम आए हैं।
सजी स्वागत अयोध्या धाम, मेरे श्री राम आए हैं।।
पावन है भारत भूमि जहां चरणों की रज पहुंचे,
परम सौभाग्य है मेरा ,दरस नयनों ने पाए हैं ।
मगन आनंद से अनुपम, भवन अतिशय वैभवपूर्ण,
बहे प्रेमाश्रु गंगाजल भवन,निज सत्काम आए हैं ।
बना है भव्य आलीशान छटा अद्भुत निराली है ,
हृदय धारण चरण कमले कि गौरव गान गाए हैं।
दया ममता मनुजता का हृदय में भाव धारण हो,
कृपा रखना सदा सेवक समर्पित राम हो जाए है
पाप वृत्ति , कुटिलता से भरा मानव मन घट घट ,
करो पाहन हृदय पावन करुणा भक्ति जगाये हैं।
नहीं निंदा न निंदक हो, हृदय सबरी सा सबर देना,
निषाद सा निर्मल मन ,हृदय हनु रोम रोम समाये है।
भवन निज आपका अद्भुत,छटा अनुपम अलौकिक है,
सकल वैभव उदित किस्मत,उर मंदिर रामराज बसाये हैं ।।
नमन करते सजल नैनों से पुलकित है सकल धरती,
मनन चिंतन करू साष्टांग, सफल सब काम हो जाए।।
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