हमारे दिल की ख्वाहिश
हमारे दिल की ख्वाहिश थी
कि कोई हमसे प्यार तो करे
सुनसान रास्ते पर चलता मैं अकेला
किसी मोड़ पर कोई इंतजार तो करे
रातभर हमे चिढ़ाए किसी और के नाम से
हम नाराज हो उनसे, गुस्सा वो बार बार करे
आधी जिंदगी गुजरी किसी ने वादा नही किया
झूठे ही सही पर कोई वादे हजार तो करे
सराफत की जिंदगी से ऊब गया हूं मैं
इश्क का इल्जाम लगाकर कोई गुनहगार तो करे
दिल दिल ना रहा, बन गया है कोरा पन्ना
कोई हमारे दिल को पढ़कर अखबार तो करे
सुकूं से कट रहे है जिंदगी के रास्ते
हमसे इश्क करके कोई बेजार तो करे
हम भी कहे किस पागल से पड़ा है वास्ता
इस तरह की बातें कोई बेकार तो करे
अब तन्हाइयों की नींद सो रहा हूं आजकल
हमसे दिल लगाकर हमे, कोई बेदार तो करे
दुनिया में दौलत नही है मुफलिस के नाम पर
अपना दिल मेरे नाम करके कोई हकदार तो करे