हमारे इस छोटे से जीवन में कुछ भी यूँ ही नहीं घटता। कोई भी अक
हमारे इस छोटे से जीवन में कुछ भी यूँ ही नहीं घटता। कोई भी अकारण नहीं आता.. बस हम उसके होने के महत्व को समय पर समझ नहीं पाते.. मेरे अब तक के जीवन में जिन-जिन लोगों की उपस्थिति रही, भले ही वह कितनी लघु रही हो पर अर्थपूर्ण रही.. मैंने उनके होने और न होने दोनों के अर्थ को मन से स्वीकार किया है.. उनमें अनेक ऐसे रहे जिन्होंने प्रेम दिया तो असीम प्रेम दिया, और कुछ ऐसे भी रहे कि बहुत पीड़ा भी दी.. वैसे दुख भी अकारण नहीं होते, वे भी मजबूत बनाने में मदद ही करते हैं.. दुख से ही किसी ने उन्नत किया तो किसी ने खुद के प्रति विश्वास जगाया.. जीवन की कोई भी घटना केवल नकारात्मक प्रभाव ही नहीं छोड़ती, पीड़ा भी कई बार संपन्न ही करती है.. उसे पोसा न जाए तो जीवन में पूर्णता का आभास ही देती है..