हमारी बारी
हमारी बारी_
हमें जीवंतता दे गई जो
नारी हैं|
कर्मों से अपने सिखा गईं वो,
अब हमारी बारी है|
स्वतंत्रता संग्राम में, जिन्होंने आत्मबल
पराक्रम का परिचय दिया|
उसमें एक नाम मदामा कामा का भी रहा|
किया अद्भुत पराक्रम
भरा कार्य,
हम सब सिरसा करते स्वीकार|
प्रथम बार झण्डा लहरा कर
महकायी फुलवारी|
अब आज हमारी बारी है|
उन ललनाओं को याद करो|
उनके कार्य आचरण में धरो|
चलो अविलम्ब आगे बढो|
नारी कभी न हारी थी,
कभी न हारी है|अब हमारी बारी है
चलो उत्तम करें अब हमारी बारी है|
डा पूनम श्रीवास्तव {वाणी}