हमारी कसमें हमारे’ वादे हमारे शिकवे कमाल दे दे
हमारी कसमें हमारे’ वादे हमारे शिकवे कमाल दे दे ।
मेरी मोहब्बत का’ ऐ मुसाफिर वहीं पुराना खयाल दे दे ।।
तुम्हारी बातें तुम्हारे चर्चे तुम्हारे जलवे तुम्हे मुबारक ।
हमें हमारी वो’ सादगी के पलों की जिन्दा मिसाल दे दे ।।
न तोड़ पायी जिसे कयामत उसे जुदाई ने’ तोड़ डाला ।
बदल सके तो बदल मुकद्दर मुझे पुराना वो हाल दे दे । ।
तुझे सितारों की’ आरजू थी तू’ अपना’ रोशन नसीब ले जा ।
मुझे विखरते नसीब से था मलाल जो वो मलाल दे दे ।।
कभी जो पूछे थे’ मिलके’ हमने सवाल बेहद करीब आकर ।
हसीन लमहों के’ वो मुबारक जवाब रख ले सवाल दे दे ।।
राहुल द्विवेदी ‘स्मित’