” हमारा हिन्दुस्तान “
” हमारा हिन्दुस्तान ”
ये देश मेरा महान है
ये हमारा हिन्दुस्तान है ,
आये बाहर से लूटेरे
अत्याचार किए बहुतेरे ,
धरती इसकी लाल हो गई
देश की जनता बेहाल हो गई ,
कितनी सदियाँ बीत गईं
खुशियाँ जैसे रीत गईं ,
बजी रणभेरी बार – बार
अपने ही घर में हुई हार ,
लाल उठे और बाँधा कफन
किया दुश्मनों को फिर दफन ,
देश का दो भाग हुआ
सबका सीना चाक हुआ ,
सह गये ये दर्द भी मर कर
अपने अपनों को भी खो कर ,
अब बहुत हुई ये छीना – झपटी
अपने ही देखो हो गये कपटी ,
पड़ी नज़र अब हमारे देश पर
मन नही भरा अपना सब लेकर ,
बार – बार वो आता है
अपने मुँह की खाता है ,
इस देश के जवान हैं
वही देश की शान हैं ,
देकर अपनी वो कुर्बानी
नही होने देते कोई मनमानी ,
सबसे पहले देश है अपना
इसकी रक्षा ही है सपना ,
ये देश हमारी आन है
हर देश वासियों की शान है ,
ये देश मेरा महान है
ये हमारा हिन्दुस्तान है ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , वाराणसी , उत्तर प्रदेश 12/08/2020 )