Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Dec 2023 · 1 min read

हमारा संघर्ष

हमारा संघर्ष

हमारा संघर्ष हम ही को पता है,
बर्बाद हुआ वक्त हम ही को पता है,
लोग पूछते हैं सिलेक्शन क्यों नहीं हुआ,
सिलेक्शन क्यों नहीं हुआ हम ही को पता है।

रातों-रात जागकर पढ़ते रहे,कभी नींद न आई,
पढ़ाई के लिए हमने सब कुछ छोड़ दिया,
परन्तु सिलेक्शन नहीं हुआ।

लोग कहते हैं कि हमने मेहनत नहीं की,
परन्तु हम जानते हैं कि हमने कितनी मेहनत की है,
हमने अपनी जान लगा दी थी,परन्तु सिलेक्शन नहीं हुआ।

हम जानते हैं कि सिलेक्शन नहीं हुआ,
क्योंकि हमारे भाग्य में नहीं था,परन्तु हम निराश नहीं हुए,
हम फिर से कोशिश करेंगे।

हम जानते हैं कि सिलेक्शन एक बार नहीं होता,
बल्कि कई बार होता है,हम तैयार हैं,
हम फिर से कोशिश करेंगे।

385 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बुंदेली दोहा-बखेड़ा
बुंदेली दोहा-बखेड़ा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
चाहे हमें तुम कुछ भी समझो
चाहे हमें तुम कुछ भी समझो
gurudeenverma198
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
कभी कभी ज़िंदगी में जैसे आप देखना चाहते आप इंसान को वैसे हीं
कभी कभी ज़िंदगी में जैसे आप देखना चाहते आप इंसान को वैसे हीं
पूर्वार्थ
हैरी पॉटर
हैरी पॉटर
Dr. Kishan tandon kranti
मैं नहीं कहती
मैं नहीं कहती
Dr.Pratibha Prakash
यदि आपके पास नकारात्मक प्रकृति और प्रवृत्ति के लोग हैं तो उन
यदि आपके पास नकारात्मक प्रकृति और प्रवृत्ति के लोग हैं तो उन
Abhishek Kumar Singh
जब काम किसी का बिगड़ता है
जब काम किसी का बिगड़ता है
Ajit Kumar "Karn"
वादा
वादा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दस्तरखान बिछा दो यादों का जानां
दस्तरखान बिछा दो यादों का जानां
Shweta Soni
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
मैं तुम और हम
मैं तुम और हम
Ashwani Kumar Jaiswal
*सो जा मुन्ना निंदिया रानी आई*
*सो जा मुन्ना निंदिया रानी आई*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
3356.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3356.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
बेवजह किसी पे मरता कौन है
बेवजह किसी पे मरता कौन है
Kumar lalit
हिन्दी ग़ज़़लकारों की अंधी रति + रमेशराज
हिन्दी ग़ज़़लकारों की अंधी रति + रमेशराज
कवि रमेशराज
जा रहा हु...
जा रहा हु...
Ranjeet kumar patre
बेचैनी तब होती है जब ध्यान लक्ष्य से हट जाता है।
बेचैनी तब होती है जब ध्यान लक्ष्य से हट जाता है।
Rj Anand Prajapati
दोहा त्रयी. . . . .
दोहा त्रयी. . . . .
sushil sarna
आने जाने का
आने जाने का
Dr fauzia Naseem shad
क्षमा अपनापन करुणा।।
क्षमा अपनापन करुणा।।
Kaushal Kishor Bhatt
एक शख्स
एक शख्स
Pratibha Pandey
44...Ramal musamman maKHbuun mahzuuf maqtuu.a
44...Ramal musamman maKHbuun mahzuuf maqtuu.a
sushil yadav
*आवागमन के साधन*
*आवागमन के साधन*
Dushyant Kumar
रस्म ए उल्फ़त में वफ़ाओं का सिला
रस्म ए उल्फ़त में वफ़ाओं का सिला
Monika Arora
आपका भविष्य आपके वर्तमान पर निर्भर करता है, क्योंकि जब आप वर
आपका भविष्य आपके वर्तमान पर निर्भर करता है, क्योंकि जब आप वर
Ravikesh Jha
काश - दीपक नील पदम्
काश - दीपक नील पदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
*बेचारे नेता*
*बेचारे नेता*
गुमनाम 'बाबा'
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दीप की अभिलाषा।
दीप की अभिलाषा।
Kuldeep mishra (KD)
Loading...