हमसफ़र
क्यो बीती बातों की तरह क्यो आदतें बदल गई
मुँह मोड़कर हमसे क्यों इश्क़-ए-रास्ते बदल गई
हमसफर चुना था हमने तुमको जहाँ से लड़कर
बीती बात को गुजरी रात समझ राते बदल गई
वो यार वो प्यार वो एतवार वो इक़रार बदल गई
नवीन वैसा ही है तू किस इश्क़-ए-वास्ते बदल गई
सच कह जाती जरा हमसे नही तो अपने ही दिल से
ख़्वाबों–ए-ख़्यालों में भी आज मुलाकातें बदल गई
©® प्रेमयाद कुमार नवीन
जिला – महासमुंद (छः ग)