हमने सबको अपनाया
हमने सबको अपनाया,
पर हमें किसी ने नहीं अपना है
शादी करके मां का प्यार बाप का दुलार,
सब खोया हमने जा के घर दूसरे।
हमने सबको अपनाया,
पर हमें किसी नहीं अपना।
जिंदगी एक पहेली है इसे सुलझा ने चले थे ,
हमें नहीं था पता कि सुलझाते सुलझाते हम इसी में
उलझ जाएंगे।
हमने सबको अपनाया,
पर हमें किसी ने नहीं अपनाया।
हमने सुना जमाना बुरा है,
पर हमें लगा जमाना बुरा नहीं शायद हम ही बुरे हैं।
भागते थे हम जमाने से दूर दूर भागते भागते फिर पहुंच जाते थे हम उसी जमाने में।
जिंदगी ने हमें क्या दिया हम यह सोचते रहते हैं ,
पर हमने यह सोचा है कि हमने जिंदगी को क्या दिया।
✍️वंदना ठाकुर✍️