हमने ये शराब जब भी पी है,
हमने ये शराब जब भी पी है,
लगता है ज़िंदगी जी भर जी है,
हिम्मत आती है सच कहने की
जैसे संगीन पाप तो कर दी है,
इश्क़ का ये रंग जब से चढ़ा है,
सारी जमीं को रंगीन कर दी है,
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
हमने ये शराब जब भी पी है,
लगता है ज़िंदगी जी भर जी है,
हिम्मत आती है सच कहने की
जैसे संगीन पाप तो कर दी है,
इश्क़ का ये रंग जब से चढ़ा है,
सारी जमीं को रंगीन कर दी है,
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”