हमने देखा है
हमने देखा है क्या लाए थे क्या लेकर जाओगे,
कहने वालों को तिजोरी भरते हुए।
हमने देखा है राम – नाम जपने वालों को,
बगल में छुरी रखते हुए।
हमने देखा है “बहू तो बेटी समान है”,
कहने वालों को बहू को जलाते हुए।
हमने देखा है नारी को देवी मानने वालों को,
नारी का चीरहरण करते हुए।
हमने देखा है किसान देश का अन्नदाता है,
कहने वालों को किसानों की लाश पर राजनीति करते हुए।
हमने देखा है बच्चे देश का भविष्य हैं,
कहने वालों को बच्चों से मजदूरी कराते हुए।
हमने देखा है समानता की दुहाई देने वालों को,
गरीबों का निवाला छीनते हुए।
हमने देखा है मदद का हाथ बढ़ाने वालों को,
आस्तीन का सांप बनते हुए।
कहते हैं मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है,
हमने देखा है मनुष्य को जानवर बनते हुए,
और समाज को तमाशबीन बनते हुए।