हमने किस्मत से आँखें लड़ाई मगर
हमने किस्मत से आँखे लड़ाई मगर
लोग किस्मत का मारा समझने लगे
हमने औरों को मंजिल दिखाई मगर
लोग हमको आवारा समझने लगे
हमने किस्मत से………….
सारी दूनिया को था बस एक ये भ्रम
किस्मत साथ ना देगी टूट जाएंगे हम
हमने औरों की हिम्मत है बंधाई मगर
लोग हिम्मत का हारा समझने लगे
हमने किस्मत से………….
साथ अपनों का नाही खुदा का मिला
ना हमको है शिकवा ना हमको गिला
हमने औरों की है पीठ थपथपाई मगर
लोग हमीं को बेसहारा समझने लगे
हमने किस्मत से………….
है यही जिंदगी तो शिकायत भी क्या
ना हुई उस खुदा की इनायत तो क्या
हमने औरों के ना झोली फैलाई मगर
लोग हमीं को बेचारा समझने लगे
हमने किस्मत से………….
‘V9द’ क्यों करता है जहां की फ़िक्र
खुद में खोए हैं यूं खुद से ही बेखबर
हमने मेहनत की रोटी कमाई मगर
लोग यूँ ही नाकारा समझने लगे
हमने किस्मत से…………..