हमदर्द
दर्द बताए तुमको कैसे,
और दर्द छुपाए तुमसे कैसे।
तुमको दर्द बताए अपने,
अब तुमसे दर्द छुपाए कैसे।।
तुम्ही तो हो जिसको हमने,
राज बताए कैसे कैसे।
तुम बिन हँसना कितना मुश्किल,
तुमको बात बताए कैसे।।
हमदर्द बने हम जाने कैसे,
हमराज बने हम जाने कैसे।
जीवन साथ निभाना तुमसंग,
तुमको दर्द दिखाए कैसे।।
और किसी से क्या कह पायेंगे,
मन का मीत बना पायेंगे।
तुम्ही बोलो तुम बिन जीवन,
क्या हम ऐसे जी पायेंगे।।
ललकार भारद्वाज