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10 Aug 2021 · 1 min read

हमदर्द चाय!

कौन कहता है लत बुरी चीज़ है?
हमको तो हर हाल में, सम्भाला है चाय ने !

घूँट- घूँट वो घुलती रही हम में,
दर्द चुन- चुनकर, बाहर निकाला है चाय ने !

शराब के नशे में थे सभी शायर,
उन्हें भी अपना आदि, कर डाला है चाय ने !

हम सी ही फ़ितरत रखती है वो,
जैसा चाहा सबने, खुदको ढाला है चाय ने!

लोगों की परवरिश हुई दूध से,
हमको तो यारों नाज़ों से, पाला है चाय ने !

सर्वाधिकार सुरक्षित-पूनम झा ( महवश)

1 Like · 1 Comment · 763 Views
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