Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jun 2023 · 1 min read

निर्जन पथ का राही

निर्जन पथ का राही हूँ मैं,
निज आँसू पीना आता है।
बीहड़ता में रहकर मुझको,
कांटों में जीना आता है ।।

चाहे रोको मार्ग हवा का,
या फिर ढक लो रवि की किरणें।
शूल भरी हों दसों दिशाएं
फिर भी जी भर कर हँसता मैं।।
कहाँ हार मानी है मैंने?
कटु विष भी पीना आता है।।
बीहड़ता में रहकर मुझको,
कांटों में जीना आता है ।।

मैं स्थिर हूँ, सीखो तुम भी,
अपने मन को स्थिर रखना ।
पीछे पीठ हँसेंगे सारे
हाल न दिल का जग से कहना।।
रह सकता तन ढककर जिसको,
खंडित पट सीना आता है।
बीहड़ता में रहकर मुझको,
कांटों में जीना आता है ।।

यह दुनिया निष्ठुर है प्यारे
उन्नत मस्तक करके रहना ।
कृपापात्र मत बनना, अपने-
स्वाभिमान को जीवित रखना।।
मस्तक नीचा कर जीने में,
हक को भी छीना जाता है ।।
बीहड़ता में रहकर मुझको,
कांटों में जीना आता है ।।

✍️ -नवीन जोशी ‘नवल’

Language: Hindi
2 Likes · 281 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from नवीन जोशी 'नवल'
View all
You may also like:
आपका स्नेह पाया, शब्द ही कम पड़ गये।।
आपका स्नेह पाया, शब्द ही कम पड़ गये।।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
गुमाँ हैं हमको हम बंदर से इंसाँ बन चुके हैं पर
गुमाँ हैं हमको हम बंदर से इंसाँ बन चुके हैं पर
Johnny Ahmed 'क़ैस'
प्रथम संवाद में अपने से श्रेष्ठ को कभी मित्र नहीं कहना , हो
प्रथम संवाद में अपने से श्रेष्ठ को कभी मित्र नहीं कहना , हो
DrLakshman Jha Parimal
लिखने – पढ़ने का उद्देश्य/ musafir baitha
लिखने – पढ़ने का उद्देश्य/ musafir baitha
Dr MusafiR BaithA
यूँ जो तुम लोगो के हिसाब से खुद को बदल रहे हो,
यूँ जो तुम लोगो के हिसाब से खुद को बदल रहे हो,
पूर्वार्थ
💐अज्ञात के प्रति-11💐
💐अज्ञात के प्रति-11💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मेरे जैसा
मेरे जैसा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
वो आये और देख कर जाने लगे
वो आये और देख कर जाने लगे
Surinder blackpen
*कृष्ण की दीवानी*
*कृष्ण की दीवानी*
Shashi kala vyas
मंत्र चंद्रहासोज्जलकारा, शार्दुल वरवाहना ।कात्यायनी शुंभदघां
मंत्र चंद्रहासोज्जलकारा, शार्दुल वरवाहना ।कात्यायनी शुंभदघां
Harminder Kaur
मजदूर औ'र किसानों की बेबसी लिखेंगे।
मजदूर औ'र किसानों की बेबसी लिखेंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
खोजें समस्याओं का समाधान
खोजें समस्याओं का समाधान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
हर हर महादेव की गूंज है।
हर हर महादेव की गूंज है।
Neeraj Agarwal
कबूतर इस जमाने में कहां अब पाले जाते हैं
कबूतर इस जमाने में कहां अब पाले जाते हैं
अरशद रसूल बदायूंनी
जब होती हैं स्वार्थ की,
जब होती हैं स्वार्थ की,
sushil sarna
अपना...❤❤❤
अपना...❤❤❤
Vishal babu (vishu)
ज्ञान क्या है
ज्ञान क्या है
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आज पुराने ख़त का, संदूक में द़ीद़ार होता है,
आज पुराने ख़त का, संदूक में द़ीद़ार होता है,
SPK Sachin Lodhi
मिसाइल मैन को नमन
मिसाइल मैन को नमन
Dr. Rajeev Jain
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
इश्क़ छूने की जरूरत नहीं।
इश्क़ छूने की जरूरत नहीं।
Rj Anand Prajapati
हृदय में धड़कन सा बस जाये मित्र वही है
हृदय में धड़कन सा बस जाये मित्र वही है
Er. Sanjay Shrivastava
हमारी जान तिरंगा, हमारी शान तिरंगा
हमारी जान तिरंगा, हमारी शान तिरंगा
gurudeenverma198
नेहा सिंह राठौर
नेहा सिंह राठौर
Shekhar Chandra Mitra
#शीर्षक- 55 वर्ष, बचपन का पंखा
#शीर्षक- 55 वर्ष, बचपन का पंखा
Anil chobisa
गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा
Radhakishan R. Mundhra
"अंतर्मन में पलता
*Author प्रणय प्रभात*
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
Buddha Prakash
उम्र भर प्रीति में मैं उलझता गया,
उम्र भर प्रीति में मैं उलझता गया,
Arvind trivedi
*जन्मभूमि है रामलला की, त्रेता का नव काल है (मुक्तक)*
*जन्मभूमि है रामलला की, त्रेता का नव काल है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
Loading...