हमको बच्चा रहने दो।
अक्कड़ बक्कड़ बम्बे बो
अस्सी नब्बे पूरे सौ
हमको बड़ा नहीं होना है
हमको बच्चा रहने दो।
खूब हँसे हम तो बिन बात
मित्रों का न छूटे साथ
मेरा तेरा भाव छोड़कर
बेफिक्री से जीने दो
हमको बच्चा रहने दो।
किसने क्या अपशब्द कहे ?
शत्रु विरोधी कौन रहे ?
मान और अपमान भूलकर
मस्त मलंगा जीने दो
हमको बच्चा रहने दो।
कल क्या होगा किसे खबर ?
थोड़े में ही करें सबर
कल सँवारने के चक्कर में,
अपना आज न खोने दो
हमको बच्चा रहने दो।
किसी मित्र से कभी लड़े
ज़िद पर अपनी कभी अड़े
साथ खेल में फिर पाने को
अपनी अकड़न खोने दो
हमको बच्चा रहने दो।
प्यार के बदले प्यार करें
कटुता कभी न बोल भरें
जो भीतर है मन में, वो ही
मुख पर बाहर रहने दो
हमको बच्चा रहने दो।
निश्छल वो मुस्कान रहे
जीवन मीठी तान रहे
मन से भेद भुलाकर सारे
सुर-सरिता को बहने दो
हमको बच्चा रहने दो।
बारिश के पानी में हमको
होकर मस्त नहाने दो
भला बुरा जो भी कहता हो
उसको भी खुश रहने दो
हमको बच्चा रहने दो।
हमको बच्चा रहने दो।
डॉ. मंजु सिंह गुप्ता