* हनुमंत का दरबार**
* हनुमंत का दरबार**
* भक्ति गीत*(भजन)
सुन्दर सजा है दरबार मेरे हनुमंत का |
नौ रत्नो से हुआ श्रृंगार मेरे हनुमंत का || टेक||
कान में कुण्डल गले मोती माला,
हनुमंत का लगे रूपं निराला |
लगोटी लाल लपेटा चोला सिंदूर का ||1||
एक हाथ गदा दूजे पर्वत सोहे ,
ले द्रोणागिरि अति मन मोहे |
लहराये ध्वजा केशरिया लाल||2||मेरे हनुमंत
हृदय बीच सीयाराम बिराजे,
कांधे मुंज जनेऊ साजे,
रूप लुभाये बजरंगी लाल ||3||मेरे हनुमंत
चरण पादुका व्दार पे सोहे,
दर्शन करने से दुख दूर होवे |
दमक रहा दरबार मेरे हनुमंत का ||4||
सुंदर सजा है दरबार मेरे हनुमंत का |