हड़ताल
ऐसा एक हड़ताल हुआ,
तो ताल भी गड़बड़ा कर बे ताल हुआ।
ऐसा एक हड़ताल. . . . . .
कुछ मजदूर हड़ताल पर आए गए,
और कुछ काम करते हुए पाए गए।
मजदूरों की क्या यही एकता है,
दूसरों के तावे पे रोटी सेंकता है।
गाली गलौज करते हुए उन पर थुकता है,
कुत्तों की तरह आपस में भौंकता है।
ऐसा एक तनातनी हुआ,
प्रशासन का हाल भी जैसे बेहाल हुआ।
ऐसा एक हड़ताल . . . . . .
कुछ भुखे प्यासे बैठे हैं,
कुछ चैन से घर में लेटे हैं।
लड़ाई तो सबकी है,
पर कुछ मजदूर समान कैसे समेटे हैं।
मजदूर ही मजदूर का,
इतना बड़ा विरोधी कैसे हैं।
ऐसा पहचान भी अंजान हुआ,
बनना था जिसे ढाल वो भी बेढाल हुआ।
ऐसा एक हड़ताल. . . . . .
लड़ना है जिससे न लड़कर,
आपस में ही लड़ते हैं।
बढ़ना है आगे न बढ़कर,
बस वही पर थमते हैं।
जीतकर भी हार गए,
हड़ताली साथी सबको तार गए।
ऐसा आपस में लड़ाया हुआ,
किसी की सोची समझी जैसे चाल हुआ।
ऐसा एक हड़ताल . . . . . .