हट जा भाल से रेखा
गीत
हट जा हट जा भाल से रेखा, ओ मेरी तकदीर
देख लिया संसार यह तेरा, क्या किसकी तस्वीर।।
लिख लिख काग़ज़ हम धर लेबे, जावें खुली किताब
मोर पंख से नाचें सपनें,आँखें लिखें हिसाब
बैठ बैठ किस्मत को रोवें, राजा रंक फकीर
देख लिया संसार यह तेरा, क्या किसकी तस्वीर
माथे माथे रचा बसा है, दुःख सुख का संजाल
काहे भेजे तू धरती पर, कटे न माया जाल
तुलसी, कुंडली, अर्घ्य समिधा, किस्मत की लकीर
देख लिया संसार यह तेरा, क्या किसकी तस्वीर।।
इन नैनों में पीर परागा, सुने न दिल की बात
घुट घुट कर जिया जीवे, कहे न कल की रात
हर भोर की एक कहानी, घर घर की तासीर
देख लिया संसार यह तेरा, क्या किसकी तस्वीर।
हट जा हट जा भाल से रेखा, ओ मेरी तक़दीर…
सूर्यकान्त द्विवेदी