हज़ारों चाहने वाले निभाए एक मिल जाए
हज़ारों चाहने वाले निभाए एक मिल जाए
लगा सीने से ख़ुशबू गुल ज़माने हेतु खिल जाए/1
किसी की हसरतें समझे ख़ुदा का नेक बंदा वो
करूँ तारीफ़ उसकी मैं ज़ुबाँ वरना तो सिल जाए/2
आर. एस. ‘प्रीतम’
हज़ारों चाहने वाले निभाए एक मिल जाए
लगा सीने से ख़ुशबू गुल ज़माने हेतु खिल जाए/1
किसी की हसरतें समझे ख़ुदा का नेक बंदा वो
करूँ तारीफ़ उसकी मैं ज़ुबाँ वरना तो सिल जाए/2
आर. एस. ‘प्रीतम’