हंसते हुए विदाई
है रुखसदी का वक्त,
आंखों में आंसू न लाना
मुझे छोड़ने तुम बस
घर के आंगन तक आना।।
खुशी से रहे ताउम्र हम
हंसते हुए विदा करना
याद आए कभी मेरी तो
बस आंखें बंद करना
दिख जाऊंगा में सामने
जी भरकर देखा करना।।
तुम ही अब हमारे घर को
अच्छे से संभाला करना
बच्चों को न लगे मेरी कमी
इस बात की कोशिश करना।।
जा रहा है बस ये तन मेरा
जान तो तुम्हारे पास है मेरी
अच्छे से ख्याल रखना बच्चों का
तुमसे बस यही आस है मेरी।।
करवानी थी मुझे बिटिया की शादी
अधूरी रह गई है ये आस मेरी
हो जायेगी जब मेरी ये इच्छा पूरी
फिर बुझ जायेगी प्यास मेरी।।
सबकुछ पाया जीवन में मैंने
अफसोस नहीं जाने का कोई
देखकर आंसू आंखों में तेरी
मेरी आंखें भी है आज रोई।।
संभालना ऐसे तुम घर को हमारे
घर को भर देना खुशियों से सारी
बच्चों को न कभी मेरी याद आए
तुझमें ही दिखे उन्हें परछाई मेरी।।