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5 May 2024 · 1 min read

“हँसी”

“हँसी”
हँसी के बहाना झन खोज,
खलखला के हँस
तैहाँ हर घड़ी हर रोज,
जिनगी हल्का-पुलका हे
अतेक जादा झन सोच।

3 Likes · 3 Comments · 89 Views
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