हँसते हँसते अपने वतन पर कुर्बान हो गए/मंदीप
हँसते हँसते अपने वतन पर कुर्बान हो गए/मंदीप
हँसते हँसते अपने वतन पर कुर्बान हो गए,
हम तो मर कर भी अमर हो गए।
खाई थी जो कसम हम ने,
हम तो जाते जाते पूरा कर गए।
मिल गया हम ने तो नसीब अपना,
मरते मरते तिरंगे को छाती से लगा गए।
रहेगी थोड़ी सी मलाल ऐ जिंदगी से,
जाते जाते बूढे माँ बाप को आँसू दे गए।
गम में डूबा है क्यों “मंदीप” तू,
वो तो देश के प्रति अपना प्यार दिखा गए।
मंदीपसाई