हँसती हुई औरतें
हँसती हुई औरतें,
बड़ी निर्लज्ज होती हैं।
चूल्हा,चौका ,बर्तन..
घास, गाय, गोबर, उपले…
यहाँ तक कि,
देहरी की सांकल से बंधी,
निकाल लेती हैं ;
आज़ादी का एक क्षण,
खुद के लिए…..
हँसती हुई औरतें,
बड़ी निर्लज्ज होती हैं।
चूल्हा,चौका ,बर्तन..
घास, गाय, गोबर, उपले…
यहाँ तक कि,
देहरी की सांकल से बंधी,
निकाल लेती हैं ;
आज़ादी का एक क्षण,
खुद के लिए…..