सड़क किनारे
हम भी पड़े थे, कभी सड़क किनारे,
माँ करती थी मजदूरी, सड़क किनारे,
धूप हाे, बारिश हाे या हाे सर्दी सड़क किनारे,
हम भी राेते थे, माँ की ममता भी राेती थी, सड़क किनारे,
बहुत सहे है, बहुत देखे है दुःख, सड़क किनारे,
माँ पसीने से नहाती, पल भर का विश्राम नही, सड़क किनारे,
कैसे भूल जाऊँ, उस माटी काे, जाे थी सड़क किनारे,
छाेटे छाेटे कंकड पत्थर ही मेरे खिलौने थे, सड़क किनारे,
आज जब चलता हूँ वहाँ, गिरते हैं आँसू सड़क किनारे,
।।।।जेपीएल।।।।