Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Apr 2019 · 1 min read

स्वीकार है: जीवन की ललकार

रणक्षेत्र सजी हुई है
सेनायें सुसज्जित खड़ी है तैयार
जीत हो या हो भले ही हार,
है स्वीकार
जीवन की मुझे ललकार।

जल रहा प्रत्येक क्षण हृदय द्वेष और विरोध का
मानो जल रहा रवि प्रलय का
क्रोध वैमनस्य में चांद से भी अग्नि की लपटें निकल रही है
हिमगिरि की शिलायें भी जल उठी है।

छूट रहे शब्द-बाण चंहु ओर से
टूटते जा रहे हो भले संबंध सबके
हो भले व्रज का प्रहार
या धरती-आसमान मिले हुए हों
या जग के प्राण-प्राण मिले हुए हों।
मैं अकेला, अंधकार अपार,
है स्वीकार हर ललकार मुझे।

क्षुब्ध सागर की हिलोरें बढ़ रही हों
क्रुद्ध होकर हिम-शिखर पर चढ़ रही हों,
मैं भले चट्टान का एक मामूली टुकड़ा
राह रोके अविचल खड़ा मिलूंगा
भले हो जायें प्रलय में जलमग्न
है स्वीकार
लहरों की मुझे फुफकार।

युद्ध का परिणाम क्या होगा
परवाह नही मुझे,
मैं यौद्धा, युद्ध करना जानता हूँ;
रख दिया जो पैर वह आगे बढ़ेगा,
उच्चतम प्रालेय शिखरों पर चढ़ेगा।
मृत्यु की होगी वहाँ ललकार,
है स्वीकार
मुझको मृत्यु से भी प्यार।

जरूरत नही आश्रय का, अकेला चलूँ निर्भय
साथ में संसार चाहे हो नहीं;
नाव जीवन की चले भले तूफान में
हाथ में पतवार चाहे हो नहीं।
डूब जाये या कि हो जाऊं पार
जग करे घृणा या प्यार
करता ना इसकी तनिक परवाह।

रणक्षेत्र सजी हुई है
सेनायें सुसज्जित खड़ी है तैयार
जीत हो या हो भले ही हार,
है स्वीकार
जीवन की मुझे ललकार।

Language: Hindi
1 Like · 940 Views

You may also like these posts

प्रीति निभाना
प्रीति निभाना
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
सम्मान करे नारी
सम्मान करे नारी
Dr fauzia Naseem shad
Y
Y
Rituraj shivem verma
कोविड और आपकी नाक -
कोविड और आपकी नाक -
Dr MusafiR BaithA
घाव दिए जिसने सभी ,
घाव दिए जिसने सभी ,
sushil sarna
खुशहाल ज़िंदगी की सबसे ज़रूरी क्रिया-
खुशहाल ज़िंदगी की सबसे ज़रूरी क्रिया-"शूक्रिया।"
*प्रणय*
विश्वास की डोर
विश्वास की डोर
कार्तिक नितिन शर्मा
** गर्मी है पुरजोर **
** गर्मी है पुरजोर **
surenderpal vaidya
11 .अंधेरा उजाला
11 .अंधेरा उजाला
Lalni Bhardwaj
इस हसीन चेहरे को पर्दे में छुपाके रखा करो ।
इस हसीन चेहरे को पर्दे में छुपाके रखा करो ।
Phool gufran
नवरात्रि विशेष - असली पूजा
नवरात्रि विशेष - असली पूजा
Sudhir srivastava
ये दुनिया तो रैन बसेरा
ये दुनिया तो रैन बसेरा
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
तू खुद को कर साबित साबित
तू खुद को कर साबित साबित
Shinde Poonam
कब तक चाहोगे?
कब तक चाहोगे?
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
दोस्तों !
दोस्तों !
Raju Gajbhiye
जात आदमी के
जात आदमी के
AJAY AMITABH SUMAN
बरसात
बरसात
Dr.Pratibha Prakash
यह कैसा है धर्म युद्ध है केशव
यह कैसा है धर्म युद्ध है केशव
VINOD CHAUHAN
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*मॉं की गोदी स्वर्ग है, देवलोक-उद्यान (कुंडलिया )*
*मॉं की गोदी स्वर्ग है, देवलोक-उद्यान (कुंडलिया )*
Ravi Prakash
#एक गुनाह#
#एक गुनाह#
Madhavi Srivastava
एक धर्म इंसानियत
एक धर्म इंसानियत
लक्ष्मी सिंह
"अवसर"
Dr. Kishan tandon kranti
अच्छा रहता
अच्छा रहता
Pratibha Pandey
इश्क़ में तू चाल भी इस क़दर चलना,
इश्क़ में तू चाल भी इस क़दर चलना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
एक स्पर्श
एक स्पर्श
sheema anmol
जो भूल गये हैं
जो भूल गये हैं
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
*.....मै भी उड़ना चाहती.....*
*.....मै भी उड़ना चाहती.....*
Naushaba Suriya
हमारा ये प्रेम
हमारा ये प्रेम
पूर्वार्थ
रस्म ए उल्फ़त में वफ़ाओं का सिला
रस्म ए उल्फ़त में वफ़ाओं का सिला
Monika Arora
Loading...