Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Aug 2024 · 3 min read

स्वयं की खोज कैसे करें। – रविकेश झा

जीवन की खोज सभी करना चाहते हैं और बहुत सफल भी हो जाते हैं। लेकिन बहुत ऐसे भी लोग है जो खोज करना ही नहीं चाहते है, उनको लगता है की जो हम देख रहे हैं या जो हम जान रहे हैं वही बस सत्य है, या उसे हम तर्क से गिरा देते हैं। क्योंकि हमें वो पसंद आता है जो हमारे अनुकूल हो। और बहुत ऐसे लोग हैं जो रास्ता पर है लेकिन पहुंच नही पाए अभी तक, और जो पहुंच गए सत्य तक वो स्वयं तक वो आनंदित महसूस करने लगे। और दूसरों को भी रास्ता दिखा रहें हैं। और जीवन को गतिमान बनाएं हुए है। स्वयं की खोज क्यों आवश्कता है? जब आप वस्तु धन पद नाम यश जब इन सभी चीजों से मन भर जाता है जब वो जानने योग्य हो जाता है या कहीं पुस्तक में पढ़ लिया की सबसे बड़ा कार्य है स्वयं को जानना तब वो सत्य की ओर भागता है, दौड़ता है लगता है उसे की कुछ तो है जो अभी तक नहीं मिला। इसी लोभ से हम सभी भागते है की मन की शांति होगी दिल दिमाग शरीर सब सक्रिय होगा। और वास्तव में ऐसा होता है इसीलिए स्वयं को जानना परम आवश्यक हो जाता है। हमें आनंदित होने का जो अवसर मिला है उसे हम चुके नहीं और निरंतर आगे बढ़ते रहे लेकिन स्वयं की खोज के लिए एक जुनून होना चाहिए हमारे जीवन में, तभी आप पूर्णतः आनंदित होंगे।
हम सभी प्रतिशोध में लगे रहते है अगर हम स्वयं के परिवर्तन पर ध्यान दें तभी हमारा जीवन सुखद हो सकता है। लेकिन इसके लिए हमें देखना होगा जीवन के हर पहलू को और भीतर जाकर देखना होगा की सत्य कैसा है। लेकिन हम सभी को ये सब चीज बकवास लगता है। इसीलिए हम पीछे है, लड़ रहे हैं, दौर रहे हैं, क्रोध और घृणा में जी रहे है, क्योंकि हमारे पास जागरूकता का अभाव है। इसलिए धीरे धीरे हमे अपनी वजूद को खोजना होगा जानना होगा और जीवन को जीना होगा। तभी हम ऊपर उठ सकते हैं और एक दूसरे से प्रेम करुणा कर सकते हैं और जीवनशैली को रूपांतरण करने में सक्षम हो सकते है। तभी हम स्वयं की खोज पर जा सकते हैं। क्योंकि आत्म – खोज एक ऐसी यात्रा है जो व्यक्तियों को अपने वास्तविक स्वरूप को समझने में मदद करती है। और जागरूकता हमें विचारों, भावनाओं और इच्छाओं की खोज की ओर ले जाता है। व्यक्तिगत विकास और पूर्णता के लिए यह यात्रा आवश्यक है। बहुत से लोग अपने जीवन में अर्थ खोजने के लिए इस यात्रा पर निकलते हैं। वह जीवन के उद्देश्य और दिशा को समझना चाहता हैं। आरंभ में हमे यह चुनौतीपूर्ण लगेगा लेकिन धीरे धीरे फायदेमंद साबित होगा। जीवन जीने में स्पष्टता दिखाई देगा, यह आपको अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा आप साफ साफ देख सकते हैं जीवन अंग को और अपने भावनाओं को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं। ये आपको आत्मविश्वास बढ़ाएगा। जब आप जानने में सक्षम हो जाओगे तब आप सोचोगे की मैं अपने वास्तविक स्वरूप के अनुरूप नहीं था मैं दौर रहा था आंख बंद करके जब आंख खुली फिर सब साफ हो गया। ये आपके संबंध को मधुर बना सकता है, आप सभी से प्रेमपूर्ण बात करेंगे सभी को करुणा देने की बात करेंगे।
लेकिन इस सबके लिए जागरूकता के साथ ईमानदारी और संवेदनशीलता की आवश्यकता परेगा। लोगों को अपने बारे में असुविधाजनक सच्चाई का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, ये सब चुनौतियाँ प्रक्रिया का एक आवश्यक हिस्सा हैं। जब आप परिवर्तन करोगे तो लोग सब आप पर ध्यान तो रखेगा ही, क्योंकि आपका व्यवहार उसको पसंद नहीं आएगा। क्योंकि वो सोने में खुश था और आप जाग गए तो उसको दिक्कत होगा, क्रोध आ सकता है। इन बाधाओं पर काबू करना होगा जागरूकता के साथ। आत्म-खोज की यात्रा एक आजीवन प्रक्रिया है। बस प्रयास कीजिए प्रतिदिन, बस डूबना है थोड़ा, डुबकी लगाएं और आंख खोल कर बस देखते रहें। आप थोड़े दिन में ही परिणाम देख कर चौंक जाएंगे कि जीवन ऐसा भी हो सकता है और ऐसा आनंदित कर सकता है हमें। बस जागरूकता ही आपको जीवन जीने की कला बतायेगा और तभी प्रेममय जीवन हो सकता है।
धन्यवाद।
रविकेश झा

292 Views

You may also like these posts

बीरबल जैसा तेज तर्रार चालाक और समझदार लोग आज भी होंगे इस दुन
बीरबल जैसा तेज तर्रार चालाक और समझदार लोग आज भी होंगे इस दुन
Dr. Man Mohan Krishna
Even the most lovable, emotional person gets exhausted if it
Even the most lovable, emotional person gets exhausted if it
पूर्वार्थ
*हुआ गणेश चतुर्थी के दिन, संसद का श्री गणेश (गीत)*
*हुआ गणेश चतुर्थी के दिन, संसद का श्री गणेश (गीत)*
Ravi Prakash
परिवार
परिवार
Shashi Mahajan
काश - दीपक नील पदम्
काश - दीपक नील पदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
" फेसबूक फ़्रेंड्स "
DrLakshman Jha Parimal
* मुस्कुरा देना *
* मुस्कुरा देना *
surenderpal vaidya
छाव का एहसास
छाव का एहसास
Akash RC Sharma
*प्रेम नगरिया*
*प्रेम नगरिया*
Shashank Mishra
दुनिया एक मुसाफिरखाना
दुनिया एक मुसाफिरखाना
Manoj Shrivastava
बहादुर बेटियाँ
बहादुर बेटियाँ
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
जमाने के तजुर्बे ने
जमाने के तजुर्बे ने
RAMESH SHARMA
चाकरी (मैथिली हाइकु)
चाकरी (मैथिली हाइकु)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
बेटियाँ अब देश में कैसे जियें।
बेटियाँ अब देश में कैसे जियें।
श्रीकृष्ण शुक्ल
ऐ!दर्द
ऐ!दर्द
Satish Srijan
एक महान भविष्य के लिए एक महान अतीत की आवश्यकता नहीं होती है,
एक महान भविष्य के लिए एक महान अतीत की आवश्यकता नहीं होती है,
ललकार भारद्वाज
तेरे शहर में
तेरे शहर में
Shyam Sundar Subramanian
ज़ख्मों की गहराई
ज़ख्मों की गहराई
Dr. Rajeev Jain
अमृत
अमृत
Rambali Mishra
देखो आया जादूगर
देखो आया जादूगर
Dr. Kishan tandon kranti
विचार-विमर्श के मुद्दे उठे कई,
विचार-विमर्श के मुद्दे उठे कई,
Ajit Kumar "Karn"
हिंदी का वैभव
हिंदी का वैभव
Abhinesh Sharma
मैंने देखा है
मैंने देखा है
Bindesh kumar jha
"तरक्कियों की दौड़ में उसी का जोर चल गया,
शेखर सिंह
यूँ तो...
यूँ तो...
हिमांशु Kulshrestha
दिल का टुकड़ा...
दिल का टुकड़ा...
Manisha Wandhare
नौकरी न मिलने पर अपने आप को अयोग्य वह समझते हैं जिनके अंदर ख
नौकरी न मिलने पर अपने आप को अयोग्य वह समझते हैं जिनके अंदर ख
Gouri tiwari
कितनी शिद्दत से देखा होगा मेरी नज़रों ने
कितनी शिद्दत से देखा होगा मेरी नज़रों ने
शिव प्रताप लोधी
संघर्षी गीत
संघर्षी गीत
Arvind trivedi
वक्त के संग हो बदलाव जरूरी तो नहीं।
वक्त के संग हो बदलाव जरूरी तो नहीं।
Kumar Kalhans
Loading...