स्वयं की खोज कैसे करें। – रविकेश झा
जीवन की खोज सभी करना चाहते हैं और बहुत सफल भी हो जाते हैं। लेकिन बहुत ऐसे भी लोग है जो खोज करना ही नहीं चाहते है, उनको लगता है की जो हम देख रहे हैं या जो हम जान रहे हैं वही बस सत्य है, या उसे हम तर्क से गिरा देते हैं। क्योंकि हमें वो पसंद आता है जो हमारे अनुकूल हो। और बहुत ऐसे लोग हैं जो रास्ता पर है लेकिन पहुंच नही पाए अभी तक, और जो पहुंच गए सत्य तक वो स्वयं तक वो आनंदित महसूस करने लगे। और दूसरों को भी रास्ता दिखा रहें हैं। और जीवन को गतिमान बनाएं हुए है। स्वयं की खोज क्यों आवश्कता है? जब आप वस्तु धन पद नाम यश जब इन सभी चीजों से मन भर जाता है जब वो जानने योग्य हो जाता है या कहीं पुस्तक में पढ़ लिया की सबसे बड़ा कार्य है स्वयं को जानना तब वो सत्य की ओर भागता है, दौड़ता है लगता है उसे की कुछ तो है जो अभी तक नहीं मिला। इसी लोभ से हम सभी भागते है की मन की शांति होगी दिल दिमाग शरीर सब सक्रिय होगा। और वास्तव में ऐसा होता है इसीलिए स्वयं को जानना परम आवश्यक हो जाता है। हमें आनंदित होने का जो अवसर मिला है उसे हम चुके नहीं और निरंतर आगे बढ़ते रहे लेकिन स्वयं की खोज के लिए एक जुनून होना चाहिए हमारे जीवन में, तभी आप पूर्णतः आनंदित होंगे।
हम सभी प्रतिशोध में लगे रहते है अगर हम स्वयं के परिवर्तन पर ध्यान दें तभी हमारा जीवन सुखद हो सकता है। लेकिन इसके लिए हमें देखना होगा जीवन के हर पहलू को और भीतर जाकर देखना होगा की सत्य कैसा है। लेकिन हम सभी को ये सब चीज बकवास लगता है। इसीलिए हम पीछे है, लड़ रहे हैं, दौर रहे हैं, क्रोध और घृणा में जी रहे है, क्योंकि हमारे पास जागरूकता का अभाव है। इसलिए धीरे धीरे हमे अपनी वजूद को खोजना होगा जानना होगा और जीवन को जीना होगा। तभी हम ऊपर उठ सकते हैं और एक दूसरे से प्रेम करुणा कर सकते हैं और जीवनशैली को रूपांतरण करने में सक्षम हो सकते है। तभी हम स्वयं की खोज पर जा सकते हैं। क्योंकि आत्म – खोज एक ऐसी यात्रा है जो व्यक्तियों को अपने वास्तविक स्वरूप को समझने में मदद करती है। और जागरूकता हमें विचारों, भावनाओं और इच्छाओं की खोज की ओर ले जाता है। व्यक्तिगत विकास और पूर्णता के लिए यह यात्रा आवश्यक है। बहुत से लोग अपने जीवन में अर्थ खोजने के लिए इस यात्रा पर निकलते हैं। वह जीवन के उद्देश्य और दिशा को समझना चाहता हैं। आरंभ में हमे यह चुनौतीपूर्ण लगेगा लेकिन धीरे धीरे फायदेमंद साबित होगा। जीवन जीने में स्पष्टता दिखाई देगा, यह आपको अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा आप साफ साफ देख सकते हैं जीवन अंग को और अपने भावनाओं को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं। ये आपको आत्मविश्वास बढ़ाएगा। जब आप जानने में सक्षम हो जाओगे तब आप सोचोगे की मैं अपने वास्तविक स्वरूप के अनुरूप नहीं था मैं दौर रहा था आंख बंद करके जब आंख खुली फिर सब साफ हो गया। ये आपके संबंध को मधुर बना सकता है, आप सभी से प्रेमपूर्ण बात करेंगे सभी को करुणा देने की बात करेंगे।
लेकिन इस सबके लिए जागरूकता के साथ ईमानदारी और संवेदनशीलता की आवश्यकता परेगा। लोगों को अपने बारे में असुविधाजनक सच्चाई का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, ये सब चुनौतियाँ प्रक्रिया का एक आवश्यक हिस्सा हैं। जब आप परिवर्तन करोगे तो लोग सब आप पर ध्यान तो रखेगा ही, क्योंकि आपका व्यवहार उसको पसंद नहीं आएगा। क्योंकि वो सोने में खुश था और आप जाग गए तो उसको दिक्कत होगा, क्रोध आ सकता है। इन बाधाओं पर काबू करना होगा जागरूकता के साथ। आत्म-खोज की यात्रा एक आजीवन प्रक्रिया है। बस प्रयास कीजिए प्रतिदिन, बस डूबना है थोड़ा, डुबकी लगाएं और आंख खोल कर बस देखते रहें। आप थोड़े दिन में ही परिणाम देख कर चौंक जाएंगे कि जीवन ऐसा भी हो सकता है और ऐसा आनंदित कर सकता है हमें। बस जागरूकता ही आपको जीवन जीने की कला बतायेगा और तभी प्रेममय जीवन हो सकता है।
धन्यवाद।
रविकेश झा