Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Aug 2020 · 1 min read

स्वप्न

स्वप्न जीवन प्रेरणा है
रंग नित भरते चलो

बात भले विचित्र है ये
कल्पना के चित्र हैं ये
डगर मंजिल की बताने
सबसे अच्छे मित्र हैं ये
एक नया संकल्प लेकर
पूर्ण तो करते चलो
स्वप्न जीवन प्रेरणा है
रंग नित भरते चलो

खरी होती है न खोटी
बड़ी होती है न छोटी
प्रेरणा सदरूप देती
दे शिखर सर्वोच्च चोटी
ले प्रखर उत्साह मन में
हर कदम धरते चलो
स्वप्न जीवन प्रेरणा है
रंग नित भरते चलो
✍️सतीश शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 408 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दहेज रहित वैवाहिकी (लघुकथा)
दहेज रहित वैवाहिकी (लघुकथा)
गुमनाम 'बाबा'
परिवार हमारा
परिवार हमारा
Suryakant Dwivedi
चुप रहो
चुप रहो
Sûrëkhâ
जब जब भूलने का दिखावा किया,
जब जब भूलने का दिखावा किया,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
3308.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3308.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
हम शिक्षक
हम शिक्षक
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
जिन्हें बरसात की आदत हो वो बारिश से भयभीत नहीं होते, और
जिन्हें बरसात की आदत हो वो बारिश से भयभीत नहीं होते, और
Sonam Puneet Dubey
#धोती (मैथिली हाइकु)
#धोती (मैथिली हाइकु)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
इश्क का तोता
इश्क का तोता
Neelam Sharma
🙅सह-सम्बंध🙅
🙅सह-सम्बंध🙅
*प्रणय*
दौलत -दौलत ना करें (प्यासा के कुंडलियां)
दौलत -दौलत ना करें (प्यासा के कुंडलियां)
Vijay kumar Pandey
तन्त्र- मन्त्र बेकार सब,
तन्त्र- मन्त्र बेकार सब,
sushil sarna
तेरा मेरा खुदा अलग क्यों है
तेरा मेरा खुदा अलग क्यों है
VINOD CHAUHAN
अच्छे दिनों की आस में,
अच्छे दिनों की आस में,
Befikr Lafz
माँ
माँ
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
*आयु मानव को खाती (कुंडलिया)*
*आयु मानव को खाती (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हौसला
हौसला
Shyam Sundar Subramanian
चला गया आज कोई
चला गया आज कोई
Chitra Bisht
स्याही की
स्याही की
Atul "Krishn"
वो प्यासा इक पनघट देखा..!!
वो प्यासा इक पनघट देखा..!!
पंकज परिंदा
नौकरी
नौकरी
Aman Sinha
अभिषेक कुमार यादव: एक प्रेरक जीवन गाथा
अभिषेक कुमार यादव: एक प्रेरक जीवन गाथा
Abhishek Yadav
अफसाने
अफसाने
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
सब्जी के दाम
सब्जी के दाम
Sushil Pandey
कुपमंडुक
कुपमंडुक
Rajeev Dutta
भीड़ दुनिया में हद से ज़्यादा है,
भीड़ दुनिया में हद से ज़्यादा है,
Dr fauzia Naseem shad
हे बुद्ध
हे बुद्ध
Dr.Pratibha Prakash
अंत में कुछ नहीं बचता है..हम हँस नहीं पाते हैं
अंत में कुछ नहीं बचता है..हम हँस नहीं पाते हैं
पूर्वार्थ
एक दिवस में
एक दिवस में
Shweta Soni
Loading...