स्वप्न विवेचना -ज्योतिषीय शोध लेख
ज्योतिष एव स्वप्न विवेचना–
मनुष्य के जन्म समय काल मे ग्रह नक्षत्रों की जो स्थितियां रहती है ज्योतिष विज्ञान उसके आधर पर उसके जन्म जीवन का आंकलन मूल्यांकन करता है। जो यदि सही ज्योतिषीय गणीतिय गणना पर की जाय तो अक्षरशः सही होता है जिसमें मनुष्य अपने श्रेष्ठ कर्म से जीवन मे सार्थकता की सफलता को बढ़ा सकता है एव निकृष्ट कर्मो से जन्मआंग के ग्रह गोचर के सकारात्मक सफलता के फलों को नष्ट कर सकता है। बस इतनी ही गुंजाइश रहती है शुद्ध ज्योतिष गणना विज्ञान जन्म जीवन आंकलन मूल्यांकन में के अलावा भी कई ऐसे पहलू जीवन की नित्य निरंतता मनुष्य के जीवन में आते है जो उसके जीवन मे कहीं ना कही प्रभावित कर जाते है।जैसे स्वप्न मनुष्य खुली एव बन्द दोनो आंखों से स्वप्न या यूं कहें कि कल्पनाओं की उड़ान भरता है जो कभी सच हो जाते है तो कभी असत्य यूं तो मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति अक़्सर निद्रा में सपने देखता है जिसका जीवन मे कोई महत्व नही होता यह विशुद्ध रूप से मनो विज्ञान है जो विकृत या कमजोर मानसिकता का द्योतक है ।मगर यदि मानसिक तौर पर पूर्ण स्वस्थ व्यक्ति स्वप्न देखता है जो उसे उसके भावी या वर्तमान जीवन के किसी विशेषता का सकेंत देता है लेकिन मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति को स्वप्न कभी कभार या यूं कहें कि उसके जीवन के किसी विशेष घटना घटित होनी होती हैं तभी आते है। तब सम्भव है स्वप्न की पुनरावृत्ति बढ़ जाए ऐसी स्थिति में मानसिक शारीरिक स्वस्थ व्यक्ति को भी निरंतर स्वप्न आते है मगर जिस घटना प्रयोजन के संकेत के लिये स्वप्न आते है उसके घटित होने के बाद स्वप्न का सीलसिला बन्द हो जाता है।स्वप्न का समय भी स्वप्न का फल निर्धारित करता है संध्या काल मे देखा गया स्वप्न एक पक्ष के अंदर फलीभूत होगा मध्य रात्रि देखे गए स्वप्न का फल एक वर्ष में कभी भी मिल सकता है रात्रि के द्वितीय प्रहर में देखे गए स्वप्न का फल छ माह में रात्रि के तृतीत माह में देखे गए स्वप्न का फल तीन माह एव ब्रह्म मुहूर्त में देखे गए स्वप्न का फल तत्काल प्राप्त होने का विद्वत ज्योतिषी मत है।
शुभ स्वप्न–
दिन में देखे गए स्वप्न का कोई विशेष महत्व नही होता उसे दिवा स्वप्न ही स्वीकार किया जाता हैं।अब प्रश्न यह उठता है कि स्वप्न में क्या देखा गया है और उसका प्रभाव क्या होगा आइए आज देखे गए स्वप्न एव उसके प्रभाव के ज्योतिष पहलू से अवगत कराते है
वीणा बजाना ,दही ,दूध ,खीर,हाथी घोड़ा,नाव पर चढ़ना, पहाड़ चढ़ना, रोते देखना ,अपमान देखना,महल ,पर्वत,बृक्ष,शेर ,सफेद सांप का काटना, सांप को पकड़ना,सांप को मारना, सूर्य ,चंद्रमा ,तारे इंद्र धनुष,आम का फल नीम नारियल, विशाल मदार बृक्ष,ब्राह्मण ,राजा देवता गुरु,सफेद कमल का फूल ,आभूषणों से सजी सफेद कपड़ो में विधवा स्त्री,
स्त्री मैथुन,चावल,पूजा पाठ,शिशु को चलते देखना, फल की गुठली देखना, पलंग पर सोना,हरा, खुला दरवाजा देखना ,खाई ,चश्मा लगाना,मोटा बैल देखना,पूरी खाना,तांबा देखना,दीपक जलाना,आसमान में बिजली देखना,
मांस देखना,विदाई समारोह,टूटा छप्पर,सफेद कबूतर,मधुमख्खी, दस्ताने दिखाई देना,शेरो का जोड़ा,मैना ,आभूषण, जामुन खाना ,जुआ खेलना,खच्चर ,समाधि,स्वयं को उड़ते देखना ,किसी से लड़ाई करना,लड़ाई में मारा जाना,सुपारी,लाठी देखना,दियासलाई जलाना ,सीना या आंख खुजाना ,मुर्दा,खेत मे पके गेहूँ, फल फूल देखना,सफेद साँप काटना,नदी का पानी पीना, रोटी खाना,रुई देखना,कुत्ता देखना,धनुष पर प्रत्यञ्चा चढ़ाना,जमीन पर विस्तर लगाना, घर बनाना,मोती, अनार,गढ़ा धन दिखना, बाज़ार देखना,घास का मैदान ,दीवार में कील ठोकना ,झरना देखना,जलता दिया ,धूप देखना,चेक लिखकर देना,कुंए में पानी देखना,आकाश देखना,गोबर,सुंदर स्त्री,चूड़ी देखना,कुंआ देखना,कब्रिस्तान ,कमल का फूल, देवी दर्शन,चुनरी दिखाई देना,छुरी दिखना,बालक दिखाई देना,चंदन ,जटाधारी साधु,त्रिशूल,तारामंडल,सांप,तपस्वी,डाकिया,तमाचा मारना,दावत दिखाई देना,स्वय की माँ को देखना,डाक घर,नक्शा ,नमक,पगडंडी,किसी रिश्तेदार को देखना,दंपति को देखना, तीर देखना भगवान शिव को देखना,नेवला,पगड़ी,दूध,मन्दिर, नदी,नीलगाय,बेलपत्र,स्वय की बहन को देखना,पूजा होते देखना,फकीर को देखना,गाय का बछडा देखना,वसंत ऋतु ,पत्नी को देखना,स्वस्तिक,भाई को देखना,शहद देखना,स्वय की मृत्यु ,रुद्राक्ष,पैसा,तोता,इलाइची, माँ सरस्वती,कोयल ,चिड़िया,कन्या को घर मे आते देखना,दूध देती भैंस,खाली थाली,गुड़ खाते देखना,ऊंट,सूर्य ,अंगूठी,आकाश में उड़ना,आम खाना,अनार का रस पीना,चोंच वाला पक्षी,आकाश में बादल देखना,घोड़े पर चढ़ना,दर्पण में चेहरा देखना,बगीचा देखना,सिर के कटे बाल देखना,विस्तर देखना,बुलबुल देखना,स्वय को रोते देखना, फूल देखना,शरीर पर गंदगी लगना, पल पर चढ़ना,पान खाना, पानी मे डुबकी लगाना, धनवान व्यक्ति को देखना,बादाम खाना,अंडे खाना,स्वयं के सफेद बाल देखना,बिच्छु,पहाड़ चढ़ना,तलवार ,हरी सब्जी,तोप देखना,तोप ,तीर चलाना, तितर ,जहाज ,झंडा,
अशुभ स्वप्न—-
इष्ट देव की मूर्ति चोरी होते देखना,इश्तहार पढ़ना,ईंट ,चलता इंजन देखना,इंद्र धनुष देखना,हुकुम का एक्का देखना, पान का एक्का देखना,चिड़ी का एक्का देखना,उल्लू देखना,उबासी लेना,उल्टे कपड़े पहनना,उठना और गिरना,उस्तरा देखना,उजाड़ देखना,उपवन देखना,उद्घाटन देखना,स्वय को उड़ते देखना,ऊँघना,ऊंचाई पर स्वय को देखना,ऊंचे वृक्षो को देखना ,ऊंचे पहाड़ देखना,औषधि देखना,कुरूप औरत देखना,स्वय का कद छोटा देखना,अपने से बड़ा कद देखना,कसम खाते देखना,पीली बिल्ली देखना,कैंची,कोठी ,कोयला देखना,कर्ज लेना,कील ठोकना, कंगन देखना ,कदू देखना,कटा सिर,कंघी,भोंकता कुत्ता,कनस्तर भरा,कमंडल,लिखा कागज़ देखना,खटमल ,खटाई खाना,खुशी देखना,खून की वर्षा,खेत काटते देखना,गधे की चीख सुनना,गरम पानी देखना,गालियाँ देते देखना,गिरगिट देखना,गीदड़ देखना,गेंद देखना,गवाही देना,गलीचा देखना उस पर बैठना, सजा हुआ घर देखना,घर मे सोने का दिखना,घंटे की आवाज़ सुनना, घंटाघर देखना,सजा घोड़ा देखना,चमड़ा देखना,चट्टान देखना,चलना पानी पर,आसमान पर चलना,चंद्र ग्रहण देखना,चारपाई देखना,चटनी खाना, चरखा चलाना,चादर शरीर मे लपेटना,चूहा फंसा देखना,चूहा देखना ,चौथ का चांद देखना,छलनी देखना,छलांग लगाना, छिपकली ,छुहारा खाना,सांप काटना,ऊंचाई से गिरना ,सीढ़ियां उतारना,पुत्रवती सती,ज्यादा उम्र वाले काले शरीर की स्त्री का नंगा नाचना,खुले वालों वाली विधवा देखना,सिर और छाती पर ताड़ या काले रंग के फलों का गिरना,मेला, गंदा बेकार सा रूखे बाल वाला व्यक्ति देखना,कुपित गुरु सन्यासी या वैष्णव देखना,कुत्ता,सुअर गदहा भैंस,नंगी स्त्री को नाचते देखना,शरीर मे तेल लगाना, किसी का विवाह होते देखना,सूर्य चन्द्र ग्रहण उल्कापात,धूमकेतु भूकंप, आंधी तूफान, हाथ से दर्पण का टूट कर गिरना,काली प्रतिमा,भस्म,हड्डियों का ढेर,नाखून, कोढ़िया ,कवायत,बुझे आँगर कोयले,मरघट की चिता रखा मुर्दा,कुम्हार का चाक,।
शुभ एव अशुभ स्वप्न के सभी विवरण दे पाना संभव नही है क्योंकि सम्पूर्ण विश्व की आबादी लगभग सात सौ पचास करोड़ है और विभिन्न परिस्तिथियों एव परिवेश से आकच्छादित है जिसका प्रभाव प्रत्येक ज्योतिषी गणना पर पड़ता है चाहे जन्म के समय देशांतर एव अक्षांश हो या स्वप्न विवेचना यहां स्वप्न एव उसके नित्य निरंतर जीवन पड़ने वाले प्रभाव की समचीन विवेचना करने की ज्योतिषीय विचार के आधार पर की है जो यथार्थ एव सत्यार्थ है।
नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीतांम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश