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23 May 2023 · 1 min read

स्वप्न कुछ

** गीतिका **
~~
स्वप्न कुछ सबको सलोने दीजिए।
नव उमंगें कम न होने दीजिए।

बोनसाई बन गया है पेड़ का।
बेवजह मत बोझ ढोने दीजिए।

खूब फलने फूलने की चाह के।
पल सुहाने यूं न खोने दीजिए।

स्वप्न सुख के देखना सब चाहते।
चैन से कुछ वक्त सोने दीजिए।

देव अर्चन की बहुत हैं चाहतें।
पुष्प माला में पिरोने दीजिए।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य।
मण्डी, हिमाचल प्रदेश

4 Likes · 1 Comment · 171 Views
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