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27 May 2023 · 1 min read

स्वच्छता और स्वास्थ्य

1- चलते-चलते सड़क पर,जब देते हो थूक
खाते-खाते बढ़ जाती है,जब खैनी की भूख
जब खैनी की भूख सिर पर चढ़ जाए,
देती रोग शरीर को जीवन बोझ बनाए
जीवन स्वस्थ तन-मन स्वच्छ होगा करते-करते
यही बात बताना सबको, सड़क पर चलते-चलते।

2- जब नशे की लत हद से ज्यादा बढ़ जाती है
गरीबी और कलह सौगात में मिल जाती है
सौगात में मिल जाती है,कई तरह की बीमारी
तरह-तरह के जुल्म झेलती फिर बच्चों की महतारी
बच्चों का भविष्य बिगाडते हो,करते काम गजब
तुम कर दोगे बर्बाद घर,लगेगी लत नशे की जब ।

3- जीवन को बेकार बनाने की मत करिए भूल
यह जीवन है अनमोल;बन कर रहिए फूल
बन कर रहिए फूल,खुश्बू फैले चारों ओर
त्याग दीजिए व्यसन को बचे न कोई छोर
स्वच्छ घर मे मिले सभी को स्वस्थ तन और मन
नशे के चक्कर मे पड़कर ,क्यों बेकार करते हो जीवन ।

4- देश स्वच्छ,शहर स्वच्छ,गांवो को स्वच्छ बनाती है
स्वच्छता की इच्छाशक्ति जब हर मन मे आती है
हर मन मे आती है प्रकृति स्वयं विचरण करने
तब तन प्रफुल्लित रहता है लगते दृश्य आंखो मे रमने
स्वस्थ जीवन मिले सभी को,ना मिले किसी को ठेस
घर,गांव,शहर,बस्ती संग, जब स्वच्छ हो सारा देश ।
———————————0——————
स्वरचित/मौलिक
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य

Language: Hindi
328 Views
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