*स्वच्छता अभियान के सजग प्रहरी को प्रणाम*
स्वच्छता अभियान के सजग प्रहरी को प्रणाम
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दिनांक 19 जनवरी 2023, बृहस्पतिवार । दोपहर का समय था । मैं किले के सामने बिजलीघर में बिजली का बिल जमा करने के लिए लाइन में लगा था । अकस्मात पीछे से चौकीदार की दृढ़ता से भरी हुई आवाज कक्ष में गूंज गई -“यह किसने पीक थूकी है, सामने आए ? ”
सबका ध्यान सचेत करने वाले सज्जन की ओर चला गया। लाइन में पीछे पॉंच-सात लोग लगे होंगे । संयोगवश उनमें से केवल एक सज्जन ही अपने मुख में गुटका-तंबाकू चबाते हुए दिखाई पड़ रहे थे । मोंटीकार्लो का बढ़िया स्वेटर पहने हुए थे। कपड़े के जूते दो-ढाई हजार के बिल्कुल नए थे। सिर पर ऊनी टोपी शानदार थी। खुद को घिरा हुआ पाकर वह सज्जन केवल इतना ही कह पाए -“मैंने ही थूकी थी।”
बस फिर क्या था, चोर रॅंगे हाथों पकड़ा गया और चौकीदार ने कुर्सी पर बैठे-बैठे ही अपराधी को दंड सुना दिया । सामने “शौचालय” लिखा हुआ एक कक्ष था । उस तरफ उंगली का इशारा किया, कहा _”अंदर से मग में पानी भर कर लाओ और जिस जगह थूका है, वहॉं साफ करो ।”
परिस्थितियों को भॉंपते हुए उन सज्जन ने एक मिनट की भी देर नहीं की । तत्काल शौचालय का दरवाजा खोला, मग उठाकर उसमें पानी भरा और दरवाजे से बाहर आकर परिसर के बाहरी हिस्से में जो थूका हुआ था, उसे पानी से बहा दिया ।
चौकीदार की कर्तव्यनिष्ठा और अनुशासन-प्रियता देखकर मन प्रसन्न हो गया । स्वच्छता अभियान के नाम पर सरकारी संस्थानों में लिखा हुआ तो प्रायः देखा गया है कि गुटका-तंबाकू थूकना मना है, लेकिन उस हिदायत के पालन के लिए दृढ़ता शायद ही कोई दिखाता है। परिणाम स्वरूप सरकारी संस्थानों में थूकने की प्रवृत्ति पर अभी तक पूर्ण रूप से अंकुश नहीं लग पाया है। पूरे देश में स्वच्छता-अभियान जिस प्रकार से चला है, उस को शत-प्रतिशत रूप से सफल बनाने के लिए अगर सभी चौकीदार ऐसे ही कर्तव्य-निष्ठा के साथ तत्पर हो जाएंगे, तो क्या कहने !
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लेखक : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451