स्री
बुद्धि को त्याग कर
बुद्ध बनना,
किसी स्री के लिए
उतना ही सहज हैं,
जितना——
जटाओं को नोचकर
जटिल आवरण को
तोड़ कर
भीतर के जल को
किसी देवी मन्दिर
में चढ़ा देना—
या प्रसाद स्वरूप
घर ले आना||
बुद्धि को त्याग कर
बुद्ध बनना,
किसी स्री के लिए
उतना ही सहज हैं,
जितना——
जटाओं को नोचकर
जटिल आवरण को
तोड़ कर
भीतर के जल को
किसी देवी मन्दिर
में चढ़ा देना—
या प्रसाद स्वरूप
घर ले आना||