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28 May 2017 · 1 min read

स्मृतियाँ

लिखना नहीं मेरा शौक,
जागना नहीं नींद रोक,
मन में होती है हलचल,
दिल कहता हैं पल पल,
थोड़ा याद कर ले भूत,
लेखनी को बना ले दूत,
उठते भावो को उकेरता,
अपने गमो को कुरेदता,
भूल जाता हूं मैं वर्तमान,
स्मृतियों का करता गान,
दुःखो का किया हैं पान,
कच्ची उम्र में देखा जहान,
नहीं भूला पैरो की धूल,
गैरों के फेंके गए शूल,
जब हमउम्र सब खुश होते थे,
हम बेबसी पर आँसू बहाते थे,
कच्चा घट तपकर पकता,
कितनी आंच वह सहता,
तब तुमको ठंडा पानी देता,
शिक्षक भी परीक्षा लेता,
जो पेड़ गर्मी सहते,
वो ही ठंडी छाँव देते,
।।।जेपीएल।।।

Language: Hindi
207 Views
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