Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Oct 2024 · 1 min read

” स्मरणीय “

” स्मरणीय ”
जो सफर अख्तियार करते हैं
वो मंजिलों को पार करते हैं,
बस चलने का हौसला तो रखिए
ऐसे मुसाफिरों का
रास्ते भी इन्तजार करते हैं।

2 Likes · 2 Comments · 42 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
*शुभ गणतंत्र दिवस कहलाता (बाल कविता)*
*शुभ गणतंत्र दिवस कहलाता (बाल कविता)*
Ravi Prakash
न जुमला, न आरोपों की राजारानी चाहिए।
न जुमला, न आरोपों की राजारानी चाहिए।
Sanjay ' शून्य'
धूल-मिट्टी
धूल-मिट्टी
Lovi Mishra
തിരക്ക്
തിരക്ക്
Heera S
ये हक़ीक़त है ज़िंदगानी की,
ये हक़ीक़त है ज़िंदगानी की,
Dr fauzia Naseem shad
बचा लो जरा -गजल
बचा लो जरा -गजल
Dr Mukesh 'Aseemit'
बुढापे की लाठी
बुढापे की लाठी
Suryakant Dwivedi
मिटे क्लेश,संताप दहन हो ,लगे खुशियों का अंबार।
मिटे क्लेश,संताप दहन हो ,लगे खुशियों का अंबार।
Neelam Sharma
शुक्रिया-ए-ज़िंदगी तेरी चाहतों में,
शुक्रिया-ए-ज़िंदगी तेरी चाहतों में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गुरूता बने महान ......!
गुरूता बने महान ......!
हरवंश हृदय
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
ख़ियाबां मेरा सारा तुमने
ख़ियाबां मेरा सारा तुमने
Atul "Krishn"
अभी गनीमत है
अभी गनीमत है
शेखर सिंह
कामुकता एक ऐसा आभास है जो सब प्रकार की शारीरिक वीभत्सना को ख
कामुकता एक ऐसा आभास है जो सब प्रकार की शारीरिक वीभत्सना को ख
Rj Anand Prajapati
दोस्ती के नाम.....
दोस्ती के नाम.....
Naushaba Suriya
महाश्रृंङ्गार_छंद_विधान _सउदाहरण
महाश्रृंङ्गार_छंद_विधान _सउदाहरण
Subhash Singhai
गलत रास्ते, गलत रिश्ते, गलत परिस्तिथिया और गलत अनुभव जरूरी ह
गलत रास्ते, गलत रिश्ते, गलत परिस्तिथिया और गलत अनुभव जरूरी ह
पूर्वार्थ
क्राई फॉर लव
क्राई फॉर लव
Shekhar Chandra Mitra
बचपन की वो बिसरी यादें...!!
बचपन की वो बिसरी यादें...!!
पंकज परिंदा
एक ही तारनहारा
एक ही तारनहारा
Satish Srijan
सीमायें
सीमायें
Shashi Mahajan
व्यर्थ है मेरे वो सारे श्रृंगार,
व्यर्थ है मेरे वो सारे श्रृंगार,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
वन उपवन हरित खेत क्यारी में
वन उपवन हरित खेत क्यारी में
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
रमेशराज के हास्य बालगीत
रमेशराज के हास्य बालगीत
कवि रमेशराज
इमोजी डे
इमोजी डे
Seema gupta,Alwar
आहत हूॅ
आहत हूॅ
Dinesh Kumar Gangwar
तन्हायी
तन्हायी
Dipak Kumar "Girja"
कितनी मासूम
कितनी मासूम
हिमांशु Kulshrestha
2894.*पूर्णिका*
2894.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पृथ्वी दिवस
पृथ्वी दिवस
Bodhisatva kastooriya
Loading...