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25 Jul 2019 · 1 min read

स्नेह

स्‍नेह

स्‍नेह का होना
कितना है सुखद
स्‍नेह है
कुदरती सौगात
नहीं हो सकती
इसमें मिलावट
होता है ये विशुद्ध
हो सकता है स्‍नेह
कहीं भी,
किसी से भी
यह होता है निस्‍वार्थ
स्वार्थवश
स्‍नेह नहीं,
स्‍नेह का स्‍वांग होगा

-विनोद सिल्‍ला©

Language: Hindi
406 Views
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