स्त्री
स्त्री वह अद्भुत शक्ति है
जिससे रचित है
यह सृष्टि
यह समाज
यह धरा
यह आकाश
सब तो स्त्री से ही उत्पन्न हैं
स्त्री ही तो सृष्टि की प्राण है
स्त्री नहीं तो
यह संसार निराधार है।
स्त्री वह अद्भुत शक्ति है
जिससे रचित है
यह सृष्टि
यह समाज
यह धरा
यह आकाश
सब तो स्त्री से ही उत्पन्न हैं
स्त्री ही तो सृष्टि की प्राण है
स्त्री नहीं तो
यह संसार निराधार है।