Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Feb 2019 · 1 min read

स्त्री ने ही जन्म दिया…..

स्त्री ने ही जन्म दिया
स्त्री ने ही पालन पोषण किया
स्त्री ने ही दिया प्यार
सहकर तिरस्कार जीवन भर
हर मोड़ पर निभाया साथ
फिर भी होते रहे अत्याचार
क्यों नही है वो सम्मान की हकदार………

स्त्री है त्याग की असल परिभाषा
ममता दया करुणा उसमे समाता
बिना मोल भाव के रिश्ते निभाए
सब पर जी भरकर प्यार लुटाए
बदले मे फिर क्यों न वो सम्मान पाये………..

नारी के हैं रुप अनेक
जिये वो बखूबी से हर एक
बेटी बनकर जन्म लिया
बहन बनकर प्यार दिया
माँ बनकर कर्म किया
बदले मे हमने उसको क्या दिया
क्यों नही उसका सम्मान किया…………….

पुरुष प्रधान का लगा के तमगा
कौन सा बजा लिया हमने डंका
बात – बात पर है नीचा दिखाते
अपनी ईगो को है आड़े लाते
क्यों सहे वो सबकुछ भला
उसका अपना आत्मसम्मान नही है क्या…….

अब नारी नही रही बेचारी
अपने अधिकारों को लेकर
उसकी जंग है जारी
अब तो थोड़ा जाग जाओ
धरती पर है जो मौजूद
ममता करुणा दया का सागर
उसको मत सुखाओ……………..

नारी अब जाग रही है
अपने सम्मान को मांग रही है
हर दौड़ मे लेके हिस्सा
पुरुषों को पछाड़ रही है
अब मत उसको सताओ
प्यार है प्यार ही रहने दो
जंग मत छिड़वाओ
अब तो समझो साहब
सम्मान करो और सम्मान दिलाओ…………………..

#निखिल_कुमार_अंजान……

Language: Hindi
221 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"उड़ान"
Yogendra Chaturwedi
नया युग
नया युग
Anil chobisa
.....*खुदसे जंग लढने लगा हूं*......
.....*खुदसे जंग लढने लगा हूं*......
Naushaba Suriya
युग बीत गया
युग बीत गया
Dr.Pratibha Prakash
★HAPPY FATHER'S DAY ★
★HAPPY FATHER'S DAY ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
सबका साथ
सबका साथ
Bodhisatva kastooriya
जवानी
जवानी
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
*श्रीराम और चंडी माँ की कथा*
*श्रीराम और चंडी माँ की कथा*
Kr. Praval Pratap Singh Rana
परिभाषा संसार की,
परिभाषा संसार की,
sushil sarna
जननी-अपना देश (कुंडलिया)
जननी-अपना देश (कुंडलिया)
Ravi Prakash
बेटियां
बेटियां
करन ''केसरा''
फिर वही शाम ए गम,
फिर वही शाम ए गम,
ओनिका सेतिया 'अनु '
एहसास दिला देगा
एहसास दिला देगा
Dr fauzia Naseem shad
मौसम कैसा आ गया, चहुँ दिश छाई धूल ।
मौसम कैसा आ गया, चहुँ दिश छाई धूल ।
Arvind trivedi
हम सनातन वाले हैं
हम सनातन वाले हैं
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
रंगमंचक कलाकार सब दिन बनल छी, मुदा कखनो दर्शक बनबाक चेष्टा क
रंगमंचक कलाकार सब दिन बनल छी, मुदा कखनो दर्शक बनबाक चेष्टा क
DrLakshman Jha Parimal
दरोगा तेरा पेट
दरोगा तेरा पेट
Satish Srijan
रोशनी सूरज की कम क्यूँ हो रही है।
रोशनी सूरज की कम क्यूँ हो रही है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
योग महा विज्ञान है
योग महा विज्ञान है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
2974.*पूर्णिका*
2974.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
????????
????????
शेखर सिंह
"लोभ"
Dr. Kishan tandon kranti
अकेलापन
अकेलापन
लक्ष्मी सिंह
बेटियां ज़ख्म सह नही पाती
बेटियां ज़ख्म सह नही पाती
Swara Kumari arya
नई नसल की फसल
नई नसल की फसल
विजय कुमार अग्रवाल
जो मनुष्य सिर्फ अपने लिए जीता है,
जो मनुष्य सिर्फ अपने लिए जीता है,
नेताम आर सी
■ दिल
■ दिल "पिपरमेंट" सा कोल्ड है भाई साहब! अभी तक...।😊
*Author प्रणय प्रभात*
पिता की दौलत न हो तो हर गरीब वर्ग के
पिता की दौलत न हो तो हर गरीब वर्ग के
Ranjeet kumar patre
The wrong partner in your life will teach you that you can d
The wrong partner in your life will teach you that you can d
पूर्वार्थ
इशारों इशारों में ही, मेरा दिल चुरा लेते हो
इशारों इशारों में ही, मेरा दिल चुरा लेते हो
Ram Krishan Rastogi
Loading...