Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2022 · 1 min read

स्तम्भकार

जिनको करने सवाल थे ,
वो तो चाटुकार थे ,
नौकरी हत्थे चढ़ी है, चाकरी के
भर्तीयों में चर्चे बहुत हैं, धान्धली के,
सिलसिले वार क्या लिखें,
पन्ने बचे हैं कुछ आखिरी के ,
साफ कितना कह दिया है!
मुद्दे नहीं है हम उनकी टोकरी के,
ठूसना चाहते हैं वो हमको ,
वोटों की पोटली में ,

Language: Hindi
2 Likes · 7 Comments · 200 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दोहे
दोहे
डॉक्टर रागिनी
न दिया धोखा न किया कपट,
न दिया धोखा न किया कपट,
Satish Srijan
#बड़ा_सच-
#बड़ा_सच-
*Author प्रणय प्रभात*
मधुर व्यवहार
मधुर व्यवहार
Paras Nath Jha
💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐
💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
समय ही तो हमारी जिंदगी हैं
समय ही तो हमारी जिंदगी हैं
Neeraj Agarwal
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
क्यों और कैसे हुई विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत। क्या है 2023 का थीम ?
क्यों और कैसे हुई विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत। क्या है 2023 का थीम ?
Shakil Alam
अक्षर ज्ञान नहीं है बल्कि उस अक्षर का को सही जगह पर उपयोग कर
अक्षर ज्ञान नहीं है बल्कि उस अक्षर का को सही जगह पर उपयोग कर
Rj Anand Prajapati
गमछा जरूरी हs, जब गर्द होला
गमछा जरूरी हs, जब गर्द होला
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
बारिश पर लिखे अशआर
बारिश पर लिखे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
दो अक्षर में कैसे बतला दूँ
दो अक्षर में कैसे बतला दूँ
Harminder Kaur
भरी रंग से जिंदगी, कह होली त्योहार।
भरी रंग से जिंदगी, कह होली त्योहार।
Suryakant Dwivedi
मैं गहरा दर्द हूँ
मैं गहरा दर्द हूँ
'अशांत' शेखर
मस्ती का माहौल है,
मस्ती का माहौल है,
sushil sarna
मैं तन्हाई में, ऐसा करता हूँ
मैं तन्हाई में, ऐसा करता हूँ
gurudeenverma198
*महफिल में तन्हाई*
*महफिल में तन्हाई*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
अर्थव्यवस्था और देश की हालात
अर्थव्यवस्था और देश की हालात
Mahender Singh
-- अजीत हूँ --
-- अजीत हूँ --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
"मित्रता और मैत्री"
Dr. Kishan tandon kranti
#शिवाजी_के_अल्फाज़
#शिवाजी_के_अल्फाज़
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
बाढ़ का आतंक
बाढ़ का आतंक
surenderpal vaidya
पतझड़ से बसंत तक
पतझड़ से बसंत तक
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
नहीं मिलते सभी सुख हैं किसी को भी ज़माने में
नहीं मिलते सभी सुख हैं किसी को भी ज़माने में
आर.एस. 'प्रीतम'
नसीहत
नसीहत
Shivkumar Bilagrami
2314.पूर्णिका
2314.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*चलते-चलते मिल गईं, तुम माणिक की खान (कुंडलिया)*
*चलते-चलते मिल गईं, तुम माणिक की खान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बेटी आएगी, तो खुशियां लाएगी।
बेटी आएगी, तो खुशियां लाएगी।
Rajni kapoor
हृदय की चोट थी नम आंखों से बह गई
हृदय की चोट थी नम आंखों से बह गई
Er. Sanjay Shrivastava
मैं उसकी निग़हबानी का ऐसा शिकार हूँ
मैं उसकी निग़हबानी का ऐसा शिकार हूँ
Shweta Soni
Loading...