Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Aug 2021 · 1 min read

सौ फीसदी परिणाम की कैसे खुशी मनाऊं

रामभरोसे थी ये गाड़ी, वक्त का गजब लगा ये धक्का
देख परीक्षा परिणाम, हर कोई रह गया हक्का-बक्का।

अनहोनी हो गई होनी, खुला बन्द अक्ल का ताला,
बिन मांगे मिल गए मोती, मन प्रफुल्लित कर डाला।

पितृ चरणपादुका से स्वागत की, घड़ी न बनने पाई,
विधि के रचे नए विधान ने, अबकै इज्जत खूब बचाई।

चित भी अपनी, पट भी अपनी, मन मयूर नाचता फिरे,
मेहनत आपदा की हुई सफल, व्यर्थ किसका नाम धरे।

इस सौ फीसदी परिणाम की ‘नवीन’ कैसे खुशी मनाऊं,
सिर के बल हो जाऊं खड़ा या धरती से लिपट जाऊं।

– सुशील कुमार ‘नवीन’

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 642 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जीवन अप्रत्याशित
जीवन अप्रत्याशित
पूर्वार्थ
"तब तुम क्या करती"
Lohit Tamta
विवेक
विवेक
Sidhartha Mishra
शब्दों से बनती है शायरी
शब्दों से बनती है शायरी
Pankaj Sen
सब पर सब भारी ✍️
सब पर सब भारी ✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
निगाहें
निगाहें
Shyam Sundar Subramanian
ना प्रेम मिल सका ना दोस्ती मुकम्मल हुई...
ना प्रेम मिल सका ना दोस्ती मुकम्मल हुई...
Keshav kishor Kumar
आज पलटे जो ख़्बाब के पन्ने - संदीप ठाकुर
आज पलटे जो ख़्बाब के पन्ने - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
मैं नहीं, तू ख़ुश रहीं !
मैं नहीं, तू ख़ुश रहीं !
The_dk_poetry
तुम यह अच्छी तरह जानते हो
तुम यह अच्छी तरह जानते हो
gurudeenverma198
3356.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3356.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
सफर ऐसा की मंजिल का पता नहीं
सफर ऐसा की मंजिल का पता नहीं
Anil chobisa
दिल हो काबू में....😂
दिल हो काबू में....😂
Jitendra Chhonkar
बाबा फरीद ! तेरे शहर में हम जबसे आए,
बाबा फरीद ! तेरे शहर में हम जबसे आए,
ओनिका सेतिया 'अनु '
चाटुकारिता
चाटुकारिता
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मंज़र
मंज़र
अखिलेश 'अखिल'
प्यार की कलियुगी परिभाषा
प्यार की कलियुगी परिभाषा
Mamta Singh Devaa
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
*हर मरीज के भीतर समझो, बसे हुए भगवान हैं (गीत)*
*हर मरीज के भीतर समझो, बसे हुए भगवान हैं (गीत)*
Ravi Prakash
चित्र कितना भी ख़ूबसूरत क्यों ना हो खुशबू तो किरदार में है।।
चित्र कितना भी ख़ूबसूरत क्यों ना हो खुशबू तो किरदार में है।।
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
आज मंगलवार, 05 दिसम्बर 2023  मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष की अष्टमी
आज मंगलवार, 05 दिसम्बर 2023 मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष की अष्टमी
Shashi kala vyas
धिक्कार
धिक्कार
Shekhar Chandra Mitra
"अनाज"
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी को बोझ नहीं मानता
जिंदगी को बोझ नहीं मानता
SATPAL CHAUHAN
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
Rj Anand Prajapati
किस के लिए संवर रही हो तुम
किस के लिए संवर रही हो तुम
Ram Krishan Rastogi
यारों की महफ़िल सजे ज़माना हो गया,
यारों की महफ़िल सजे ज़माना हो गया,
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
दिल पर किसी का जोर नहीं होता,
दिल पर किसी का जोर नहीं होता,
Slok maurya "umang"
*मुहब्बत के मोती*
*मुहब्बत के मोती*
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...