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13 Oct 2018 · 3 min read

सौ ऊंट

किसी शहर में एक व्यक्ति प्राइवेट कंपनी में जॉब करता था।वह अपनी ज़िन्दगी से खुश नहीं था, हर समय किसी न किसी समस्या से परेशान रहता था।
एक बार शहर से कुछ दूरी पर एक महात्मा जी का काफिला रुका।शहर में उन्ही की चर्चा थी।
बहुत से लोग अपनी अपनी समस्याएं लेकर उनके पास जाने लगे।
वह व्यक्ति भी महात्मा जी के दर्शन करने की अभिलाषा लिए
छुट्टी के दिन सुबह -सुबह ही उनके काफिले तक पहुंच गया।
वँहा महात्मा जी की कुटिया के बाहर दर्शनार्थियों की बहुत भीड़ थी।सभी अपनी बारी आने का इंतज़ार कर रहे थे।
महात्मा जी के शिष्य एक एक कर दर्शनार्थी को कुटिया में भेजते।
दर्शनार्थी भी दर्शनलाभ करते हुए महात्मा जी से अपनी समस्या का समाधान पूछते और संतुष्ट होकर बाहर आ जाते।
बहुत इंतज़ार के बाद वह व्यक्ति भी अपनी बारी आने पर महात्मा जी के सम्मुख उपस्थित हुआ।
महात्मा जी का अभिवादन करने के बाद उसने कहा,”बाबा जी,मैं अपने जीवन से बहुत दुःखी हूँ ,हर वक्त कोई न कोई समस्या रहती ही है,कभी ऑफिस की टेंशन रहती है,तो कभी घर पर अनबन हो जाती है कभी अपनी सेहत को लेकर परेशान रहता हूँ ….पूज्यवर! कोई ऐसा उपाय बतायें कि मेरे जीवन से सभी समस्याएं दूर हो जाएं और मैं चैन से जीसकूँ ?
महात्मा जी मुस्कुराये☺☺☺ और बोले,“ पुत्र,आज तो अब बहुत देर हो गयी है मैं तुम्हारे प्रश्न का उत्तर कल सुबह दूंगा ,लेकिन क्या तुम मेरा एक छोटा सा काम करोगे …?”
उस व्यक्ति ने कहा,”अपनी समस्याओं के समाधान के लिए मैं आपश्री की सभी आदेशों की पालना करूंगा।”
महात्मा जी बोले,“हमारे काफिले में सौ ऊंट ? हैं, मैं चाहता हूँ कि आज रात तुम इनका ध्यान रखो …जब सभी सौ के सौ ऊंट ? बैठ जाएं तो तुम भी सो जाना।”
ऐसा कहकर महात्मा जी? कुटिया के दूसरे कक्ष में चले गए ..
अगली सुबह महात्मा जी ने उस व्यक्ति पूछा,“कहो बेटा! रात को नींद अच्छी आई या नहीं?
वह व्यक्ति दुःखी स्वर में बोला :“ मैं तो एक पल भी नहीं सो सका।मैंने बहुत कोशिश की, पर मैं सभी ऊंटों? को नहीं बैठा सका, कोई न कोई ऊंट ? खड़ा हो ही जाता …!!!
महात्मा जी ने कहा,”कल रात तुमने अनुभव किया कि चाहे कितनी भी कोशिश कर लो सारे ऊंट ? एक साथ नहीं बैठ सकते
एक को बैठाओगे तो दूसरा खड़ा हो जाएगा।
इसी तरह एक समस्या का समाधान करोगे तो किसी कारणवश दूसरी खड़ी हो जाएगी।
जब तक जीवन है समस्याएं तो बनी ही रहती हैं … कभी कम कभी ज्यादा ….”
“तो हम क्या करें?” पूछा उस व्यक्ति ने जिज्ञासावश।
“इन समस्याओं के बावजूद जीवन का आनंद लेना सीखो …
क्या हुआ कल रात को ?
1) कई ऊंट ? रात होते -होते खुद ही बैठ गए ,
2) कई तुमने अपने प्रयास से बैठा दिए ,
3) बहुत से ऊंट ? तुम्हारे प्रयास के बाद भी नहीं बैठे … और बाद में तुमने पाया कि उनमे से कुछ खुद ही बैठ गए ….
कुछ समझे ….??
ऐसी ही होती हैं हमारी
समस्याएं भी।
1 कुछ अपने आप ही ख़त्म हो जाती हैं ,कुछ को हम अपने प्रयास से हल कर लेते हैं …
2 कुछ हमारे बहुत प्रयत्न करने पर भी हल नहीं होतीं।
ऐसी समस्याओं को समय पर छोड़ देना चाहिये … उचित समय पर वे खुद ही ख़त्म हो जाएंगी।
जीवन में कुछ समस्याएं रहेंगी ही रहेंगी पर इसका यह मतलब नहीं कि, हम दिन रात उन्ही के बारे में सोचते रहें …
समस्याओं को एक तरफ रखें और जीवन का आनंद लें…
जब उनका समय आएगा वो खुद ही हल हो जाएँगी”…

Language: Hindi
Tag: लेख
428 Views
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