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10 Sep 2024 · 1 min read

सौदेबाजी रह गई,

सौदेबाजी रह गई,
अब रिश्तों के बीच ।
सम्बन्धों को खा गई,
स्वार्थ भाव की कीच ।।
सुशील सरना / 10924

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