सौगंध है हमे तिरंगे की
है गर्व मुझे हर वीर शहीद की बलिदानी पर
देश रक्षा में जो बलिदान हो गई उस हरेक जवानी पर
जरा सोचो तो क्या बीती होगी राह देखते घर आंगन पर
तिरंगे में लिपटा हुआ पति का शव देख नयी बनी सुहागन पर
जरा सोचो तो क्या बीती उस मां के कलेजे पर
जिसने बेटे के धड के टुकडे देखे रखे हुए तिरंगे पर
जरा सोचो तो उस पिता ने ये बोझ कैसे उठाया होगा
जवान बेटे के शव को कैसे समसान पहुँचाया होगा
उस बेटी का तो मन सोचो जब उसने मुखाग्नी लगाया होगा
उन सारी आंखों का आशु कैसे सुख पाया होगा
मेरी ये कविता आतंकवादीयों के हिमायतदार सुनो
धारा 370 के सारे पक्षकार सुनो
भारत के गद्दार सुनो
मेरी ये ललकार सुनो
वो सारे पत्रकार सुनले जो भारती की सेना को कातिल बताते है
वो नेता और अभिनेता भी सुनले जो भारत में असहिष्णुता के गीत गाते हैं
सन 47 के पापों को हम तुम्हें फिर न दोहराने देंगे
अब ना अपना खून बहाने देंगे
ना अपना घर जलाने देंगे
उस दौर में भी कुछ तुम जैसे ही लोग लगे थे आतंकिस्तान बनाने में
तुम जैसे ही लोग लगे थे पाकिस्तान बनाने में
हम भारत माता के बेटे हैं
सौगंध है हमे तिरंगे की
हर महादेव कि जय
माता हर हर गंगे की
ये नया दौर है नयी सुबह है नया इतिहास बना देंगे
अपने हर दुश्मन का हम दुनिया से नक्शा ही मिटा देंगे
चेतावनी ये आखरी सुनलो
चॉद सितारों वाला झंडा अब घाटी में कोई नहीं लहराएगा
जो जो भारत मुर्दाबाद कहेगा उसको हम दफना देंगे