सौंदर्य
हर दिन फल सब्जी के ठेले पर
जिंदगी के अभावो से संघर्ष करती
अपने दुर्भाग्य से संवाद करती
चमक दमक से अनभिज्ञ
जीर्ण शीर्ण वस्त्रों में
शहर के गली मोहल्लों में
अपनी रोजी रोटी का
स्वाभिमानपूर्वक आह्वान करती
सर्वत्र भटकती
मेहनती महिला के
जीवन सौंदर्य से
क्या खाक होड़ करेगा
उस नव यौवना विवाहित युवती का
रूप सौंदर्य भी
जो पति पोषित अर्जित
सुख सुविधा, दुविधाओं और
विविध सौंदर्य प्रसाधनों की
नश्वर नींव पर टिका है
@ओम प्रकाश मीना