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18 Feb 2024 · 1 min read

सौंदर्य

हर दिन फल सब्जी के ठेले पर
जिंदगी के अभावो से संघर्ष करती
अपने दुर्भाग्य से संवाद करती
चमक दमक से अनभिज्ञ
जीर्ण शीर्ण वस्त्रों में
शहर के गली मोहल्लों में
अपनी रोजी रोटी का
स्वाभिमानपूर्वक आह्वान करती
सर्वत्र भटकती
मेहनती महिला के
जीवन सौंदर्य से
क्या खाक होड़ करेगा
उस नव यौवना विवाहित युवती का
रूप सौंदर्य भी
जो पति पोषित अर्जित
सुख सुविधा, दुविधाओं और
विविध सौंदर्य प्रसाधनों की
नश्वर नींव पर टिका है

@ओम प्रकाश मीना

Language: Hindi
118 Views
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