सोशल मिडीया
जो कभी खामोश रहते थे
वह अब सुनाने लगे हैं
खुद के सवाल जिनके उलझे हों
दूसरों को जवाब बताने लगे हैं
काग़ज़ कलम से दूर दूर तक
ना था जिनका वास्ता
आज वे मशहूर शायर कहलाने लगे हैं।
न था कोई हुनर पर रील बनाने लगे हैं
होकर मशहूर करोड़ों कमाने लगे हैं।
कैसे कह दूँ कि सोशल मीडिया
में बुराई हीं बुराई है,
सात समंदर पार रहकर भी
एक दूसरे को देखकर बात करना
ये सोशलमीडिया की ही करिश्माई है।