सोलह सुख
पहला सुख निरोगी हो काया।
दूसरा सुख घर में हो माया।।
तीसरा सुख संतवंती हो नारी।
चौथा सुख पुत्र हो आज्ञाकारी।।
पांचवा सुख सदन हो अपना।
छठवा सुख वाहन हो अपना।।
सातवां सुख सभी भाई सुखी हो।
आठवां सुख मुझसे कोई दुखी न हो।।
नवां सुख सच्चा मित्र हो अपना।
दसवां सुख कोई शत्रु न हो अपना।।
ग्यारहवा सुख पड़ोसी हो अच्छा।
बारहवां सुख डॉक्टर हो अच्छा।।
तेरहवां सुख उत्तम हो शिक्षा
चौदहवा सुख सदगुरु से हो दीक्षा।
पंद्रहवा सुख संतोषी हो जीवन।
सोलहवां सुख मन में हो भगवन।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम