सोरठा छंद
सोरठा छंद
कब से रहा पुकार,खड़ा शारदे द्वार मैं
विनती लो स्वीकार,माँगू तेरा प्यार मैं
रख दो हाथ अशीष,माँ वीणापाणि दयाल
नतमस्तक मुनि ईश,सब लाये पूजा थाल
तेरे चरण पखार,करूँ आरती शारदे
कर इतना उपकार,ज्ञानदायिनी तार दे
है सारा संसार,जगजननी विदुषी शरण
कर दो माँ भव पार,अहम पड़े तेरे चरण
आखर में दो धार,कविता कर दो भावमय
प्रगट करो झंकार,देकर माँ सुर ताल लय