Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jul 2023 · 1 min read

सोने का ताज (माहिया)

सोने का ताज (माहिया)
*****************
1
सोने का ताज सजा,
देख कर दिल भरे,
पहन कर आये मज़ा।
2
पतझड़ की तान छिड़ी,
भंवर झूम रहे,
पराग पर नज़र पड़ी।
3
नजरों से नज़र मिली,
गौरी शरमाती,
हया से आँखें झुकी।
4
सूरत कयामत भरी,
छाती बल खाती,
तबीयत होती हरी।
5
सावन का मास चढ़ा,
बादल झूम रहे,
तन-मन तो फूल रहा।
6
मनसीरत दर आया,
आंगन देख सजा,
मन भी है भरमाया।
*****************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैंथल)

Language: Hindi
166 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिंदगी
जिंदगी
लक्ष्मी सिंह
जिंदगी तो धोखा है आज नहीं तो कल साथ छोड़ जाएगा ll
जिंदगी तो धोखा है आज नहीं तो कल साथ छोड़ जाएगा ll
Ranjeet kumar patre
उनको असफलता अधिक हाथ लगती है जो सफलता प्राप्त करने के लिए सह
उनको असफलता अधिक हाथ लगती है जो सफलता प्राप्त करने के लिए सह
Rj Anand Prajapati
' रहब हम मिथिलादेश में '
' रहब हम मिथिलादेश में '
मनोज कर्ण
कविता
कविता
Shiva Awasthi
मूँछ पर दोहे (मूँछ-मुच्छड़ पुराण दोहावली )
मूँछ पर दोहे (मूँछ-मुच्छड़ पुराण दोहावली )
Subhash Singhai
तुम्हारे जैसे थे तो हम भी प्यारे लगते थे
तुम्हारे जैसे थे तो हम भी प्यारे लगते थे
Keshav kishor Kumar
पेजर ब्लास्ट - हम सब मौत के साये में
पेजर ब्लास्ट - हम सब मौत के साये में
Shivkumar Bilagrami
दुनियां कहे , कहे कहने दो !
दुनियां कहे , कहे कहने दो !
Ramswaroop Dinkar
बाल कविता: मोटर कार
बाल कविता: मोटर कार
Rajesh Kumar Arjun
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सपनों को दिल में लिए,
सपनों को दिल में लिए,
Yogendra Chaturwedi
सफाई कामगारों के हक और अधिकारों की दास्तां को बयां करती हुई कविता 'आखिर कब तक'
सफाई कामगारों के हक और अधिकारों की दास्तां को बयां करती हुई कविता 'आखिर कब तक'
Dr. Narendra Valmiki
लें दे कर इंतज़ार रह गया
लें दे कर इंतज़ार रह गया
Manoj Mahato
"जीवन के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
मेरे हमसफ़र 💗💗🙏🏻🙏🏻🙏🏻
मेरे हमसफ़र 💗💗🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Seema gupta,Alwar
गीत
गीत
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ख़त्म अपना
ख़त्म अपना
Dr fauzia Naseem shad
परिवार के एक सदस्य की मौत के दिन जश्न के उन्माद में डूबे इंस
परिवार के एक सदस्य की मौत के दिन जश्न के उन्माद में डूबे इंस
*प्रणय*
नदी से जल सूखने मत देना, पेड़ से साख गिरने मत देना,
नदी से जल सूखने मत देना, पेड़ से साख गिरने मत देना,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
गहरी हो बुनियादी जिसकी
गहरी हो बुनियादी जिसकी
कवि दीपक बवेजा
हरसिंगार
हरसिंगार
Shweta Soni
रंग -भेद ना चाहिए ,विश्व शांति लाइए ,सम्मान सबका कीजिए,
रंग -भेद ना चाहिए ,विश्व शांति लाइए ,सम्मान सबका कीजिए,
DrLakshman Jha Parimal
मन्नतों के धागे होते है बेटे
मन्नतों के धागे होते है बेटे
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
सच तो तेरा मेरा प्यार हैं।
सच तो तेरा मेरा प्यार हैं।
Neeraj Agarwal
स्वार्थी आदमी
स्वार्थी आदमी
अनिल "आदर्श"
बुराई का अंत बहोत बुरा होता है
बुराई का अंत बहोत बुरा होता है
Sonam Puneet Dubey
हे मात भवानी...
हे मात भवानी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
3100.*पूर्णिका*
3100.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...