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7 Feb 2024 · 1 min read

सोना जेवर बनता है, तप जाने के बाद।

सोना जेवर बनता है, तप जाने के बाद।
मानव भी संभलता है, ठोकर खाने के बाद।।
हथेली पर सरसों हरी नहीं होती,
हिना रंग लाती है दोस्त!
सूख जाने के बाद।।

आर. एस. ‘प्रीतम’

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